छठ पूजा 2017: खरना के साथ छठ पर्व का दूसरा दिन संपन्न, गुरुवार को दिया जाएगा सांझ का अर्घ्य

बुधवार को महापर्व छठ का दूसरा दिन खरना के साथ संपन्न हुआ. अब गुरुवार को सांझ को अर्घ्य दिया जाएगा. आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के घर पर भी इस त्योहार का रंग भी खूब देखने को मिला. इस दौरान लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप यादव सहित परिवार के अन्य लोग भी घर पर मौजूद थे. छठ की बधाई देने वाले लोगों का भी लालू के घर पर तांता लगा रहा.

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छठ पूजा 2017: खरना के साथ छठ पर्व का दूसरा दिन संपन्न, गुरुवार को दिया जाएगा सांझ का अर्घ्य

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  • October 25, 2017 4:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पटनाः बुधवार को महापर्व छठ का दूसरा दिन खरना के साथ संपन्न हुआ. अब गुरुवार को सांझ को अर्घ्य दिया जाएगा. आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के घर पर भी इस त्योहार का रंग भी खूब देखने को मिला. इस दौरान लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप यादव सहित परिवार के अन्य लोग भी घर पर मौजूद थे. छठ की बधाई देने वाले लोगों का भी लालू के घर पर तांता लगा रहा. छठ पर्व का जश्न चारों ओर देखा जा सकता है. नहाय-खाय के साथ 36 घंटे का सूर्य उपासना का महापर्व छठ शुरु हो गया है. बुधवार का दिन खरना के रूप में मनाया जाता है. खरना को व्रतियों के आत्मिक और शारीरिक शुद्धीकरण के रूप में देखा जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ की खीर खाने का बड़ा महत्व है.
 
 
मंगलवार को छठ पूजा का पहला दिन यानी नहाय खाय था. इस दिन लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई की. इस दिन तालाब, नहर, पोखर, नदी, कुआं आदि जगहों पर स्नान करने का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि छठ पूजा त्रेता युग से की जा रही है. इस व्रत के पीछे कई कथाएं प्रचलित हैं.
 
 
छठ कथा के अनुसार कहा जाता है कि त्रेता युग में इस व्रत को सीता मइया ने किया था. जब राम, लक्ष्मण और सीता 14 वर्ष का वनवास पूरा कर लौटे थे, तब उन्होंने छठी मईया का व्रत किया था.
ऐसे ही एक लोककथा के अनुसार कहा जाता है कि जब पांडव अपना सारा राजपाठ जुए में हार गए थे तब द्रौपदी ने छठ का व्रत किया था और उनकी मनोकामना पूरी हुई थी. तभी से यह व्रत करने की परंपरा चली आ रही है.
 
 
छठ पूजा 2017: खरना या लोहंडा पूजा विधि
छठ के दूसरे दिन खरना से उपवास शुरू हो जाता है. खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रहने के बाद शाम को मिट्टी के बने नए चूल्हे पर आम की लकड़ी की आंच से गाय के दूध में गुड़ डालकर खीर और रोटी बनाते हैं. खरना के दिन पांच तरह के पकवान तैयार करके छठी मइया को भोग लगाए जाते हैं. इन पकवानों में दाल, भात, चावल का पीठा, गुड़ तथा फल शामिल होते हैं. उसके बाद इसे भोग लगाकर व्रती प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण करते हैं.
 
 

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