मुंबईः महाराष्ट्र के मुंबई में एक बार फिर राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी देखने को मिली. मनसे कार्यकर्ताओं ने सांताक्रूज, ठाणे रेलवे स्टेशन सहित कई इलाकों में फड़-खोखा, फेरी आदि लगाने पर कहर बरपाया. इस दौरान मौके पर खड़े पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने देखते रहे. राज ठाकरे ने 29 सितंबर को हुए एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन हादसे के बाद चेतावनी दी थी कि अगर रेलवे और पुलिस ने स्टेशनों के बाहर और फुटओवर ब्रिज से फेरी वालों को नहीं हटाया तो उनके कार्यकर्ता मनसे स्टाइल में उन्हें हटाएंगे.
राज ठाकरे ने रेलवे प्रशासन को फेरी वालों को हटाने के लिए 15 दिन का समय दिया था. शनिवार और रविवार को (कुछ इलाकों में) मनसे कार्यकर्ता वहां पहुंचे और फेरी वालों पर अचानक टूट पड़े. गुंडागर्दी करते हुए उन्होंने फेरी वालों का सामान फेंक दिया.तोड़फोड़ करते हुए उन्होंने फिर से वहां फेरी न लगाने की धमकी दी. मनसे कार्यकर्ता जब सांताक्रूज इलाके में पहुंचे तो पुलिस वालों के सामने वह गुंडागर्दी करते हुए फेरी वालों पर कहर बरपा रहे थे. पीड़ितों को पुलिस की चुप्पी काफी नागवार गुजरी. पीड़ितों की शिकायत के बावजूद किसी भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है.
कांग्रेस और एनसीपी ने मनसे कार्यकर्ताओं की इस गुंडागर्दी का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ मिलीभगत के कारण ऐसा हो रहा है. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा, मुख्यमंत्री को राज ठाकरे की चेतावनी के बारे में पता था. इसके बावजूद उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया. संजय ने कहा, राज्य सरकार स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू करने में नाकाम रही है, इसलिए फेरी वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मनसे का कहना है कि फेरी वालों की वजह से रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ रही है, जिससे लोगों के निकलने के लिए रास्ता नहीं बचता और कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं.
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