अहमदाबाद: गुजरात की राजनीति में इन दिनों शह और मात का खेल देखने को मिल रहा है. शनिवार शाम कांग्रेस गुजरात के युवा ओबीसी नेता कल्पेश ठाकोर को पार्टी में शामिल करने में कामयाब रही तो बीजेपी ने हार्दिक पटेल के दो करीबी रेशमा पटेल और वरुण पटेल बीजेपी में शामिल हो गए. एक तरफ कल्पेश को अपनी तरफ मिलाकर कांग्रेस ने ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने रेशमा और वरुण को अपनी तरफ मिलाकर पाटीदार समुयाद का वोट अपनी ओर मिलाने की कोशिश की. अहमदाबाद में रेशमा और वरुण ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और फिर दोनों ने पार्टी में शामिल होने का एलान कर दिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद दोनों ने हार्दिक पटेल को गद्दार और कांग्रेस का एजेंट बताया.
वरुण और रेशमा के बीजेपी में शामिल होने को लेकर हार्दिक पटेल काफी नाराज बताए जा रहे हैं. अपनी इस नाराजगी को उन्होंने ट्विटर पर भी जाहिर किया. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कनखजूरा के पैर टूट जाने के बावजूद भी कानखजूरा दौड़ेगा.. मेरे साथ जनता है और जनता का साथ जबतक है, तबतक लड़ता रहूंगा.
क्या होगा हार्दिक पटेल का अगला कदम?
हार्दिक पटेल को कांग्रेस पहले ही पार्टी में शामिल होने का न्योता दे चुकी है लेकिन कम उम्र की वजह से हार्दिक चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि हार्दिक और कांग्रेस की बीच पाटीदारों को सीट को लेकर कोई ना कोई समझौता हो सकता है और हार्दिक कांग्रेस को समर्थन का एलान कर सकते हैं. हार्दिक पहले ही कह चुके हैं कि वो इस बार बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस का साथ देंगे. इस बीच ओबीसी समाज के युवा नेता कल्पेश ठाकोर ने भी कांग्रेस का हाथ थामा है जिसके बाद हार्दिक ने कल्पेश को ट्विटर पर बधाई देते हुए लिखा- बेस्ट ऑफ लकर अल्पेश ठाकोर…