पटना: बिहार की राजधानी पटना में एक शख्स को अपनी बेटी का शव गोद में लेकर घर जाना पड़ा क्योंकि उसे एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई. न्यूज एजेंसी एनएनआई ने उस बेबस पिता की तस्वीर पोस्ट की है. पिता का ये भी आरोप है कि एम्स के डॉक्टरों ने उनकी बेटी का इलाज नहीं किया. जानकारी के मुताबिक लखीसराय से अपनी बेटी को इलाज कराने पटना एम्स लेकर आए दंपत्ति पर्चे की लाइन में ही लगे रहे और उधर उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया. पीड़ित पिता के मुताबिक ना तो अस्पताल में उनकी पर्ची कटी और ना ही किसी डॉक्टर ने उनकी बेटी का इलाज किया. जब उनकी बेटी की मृत्यु हो गई तो वो अपनी बेटी का शव लेकर इधर उधर मदद के लिए भटकते रहे और फिर अंत में अपनी बेटी की शव अपने कंधों पर लेकर ही चल पड़े.
पीड़ित पिता रामबालक जमुई जिला के कजरा के निवासी हैं और मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं. रामबालक की बेटी रोशन को बुखार और पेट दर्द की शिकायत थी जिसके बाद वो उसे दिखाने के लिए पटना एम्स लेकर आए थे. जानकारी के मुताबिक रोशन को पिछले 6 दिन से बुखार था और वो बुखार की वजह से कई बार बेहोश हो गई थी. रोशन के पिता और मां उसे आनन-फानन में एम्स लेकर आए इस उम्मीद से कि उनकी बच्ची की जिंदगी बच जाएगी लेकिन बच्ची की जान तो चली गई और प्रशासन ने उस बेबस पिता को अपनी बदनसीब बेटी की बॉडी के साथ अकेला छोड़ दिया. प्रशासन ने इतनी भी जहमत नहीं उठाई कि उसकी बॉडी को एंबुलेंस ही मुहैया करा दें.