बगलकोटः कर्नाटक के बगलकोट जिले में एक किसान ने कर्ज के बोझ तले दबने के कारण खुदकुशी कर ली. मृतक किसान ने कर्जमाफी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र भी लिखा था. इसके बावजूद किसान को राहत नहीं मिल पाई और आखिरकार कर्ज चुकाने के तकादे से तंग आकर किसान ने रविवार को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
मृतक किसान का नाम इरप्पा (57) था. इरप्पा बगलकोट जिले स्थित मुधोला तालुक के नगानापुरा के रहने वाले थे. इरप्पा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस को घर से कुछ कागजात मिले. कागजातों में वह दस्तावेज भी थे जिनसे पता चला कि इरप्पा ने कर्ज माफी को लेकर पीएम, सीएम, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, राज्य के प्रमुख सचिव और कलेक्टर को पत्र लिखा था.
इरप्पा ने इसी साल मार्च में पीएमओ को पत्र लिखा था. जिसके जवाब में पीएमओ ने राज्य के प्रमुख सचिव को इरप्पा की समस्या के बारे में पत्र लिखा था. इरप्पा ने अभी चिट्ठी में किसानों की समस्या का जिक्र किया. इरप्पा ने लिखा था, ‘मैं एक किसान हूं. मुझ पर एक राष्ट्रीय बैंक में 3 लाख का कर्ज है. मुझ पर जमीन खरीदने और पानी के लिए पाइपलाइन का भी लोन है. बारिश की कमी की वजह से मैं कृषि लोन के बोझ तले भी दबा हुआ हूं. मैंने दिसंबर 2015 में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था लेकिन कुछ नहीं हुआ. क्या मेरे पास आत्महत्या से बेहतर कोई विकल्प बचा है.’ इरप्पा ने आगे लिखा, ‘आत्महत्या करने वाले किसान को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने के बजाय उसके जिंदा रहते उसकी समस्याओं का समाधान किया जाए.’