दादरीः सरकारी बिजली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) ने अखलाक की हत्या के आरोपियों को नौकरी देने की खबरों को बेबुनियाद बताया. दो दिन पहले मीडिया में खबरें आईं थीं कि अखलाक हत्याकांड के 15 आरोपियों को एक बीजेपी विधायक की सिफारिश के बाद एनटीपीसी में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी मिल गई है. एनटीपीसी अधिकारियों ने कहा कि मैनेजमेंट ने अखलाक हत्याकांड के किसी भी आरोपी को नौकरी नहीं दी है.
एनटीपीसी के दादरी संयंत्र ने बयान में कहा, ‘एनटीपीसी दादरी मैनेजमेंट अखलाक हत्याकांड के आरोपियों को एनपीटीसी दादरी में अनुबंध पर रखे जाने की खबरों का खंडन करता है. इस तरह की मीडिया रिपोर्ट सरासर गलत और आधारहीन है. विभाग नौकरी देने के लिए किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करता है.’
एनटीपीसी अधिकारियों ने बताया कि मीडिया में चल रही खबरों के आधार पर इस मामले में बीजेपी विधायक ने नौकरी दिलाने में 15 आरोपियों की मदद की, जो कि सरासर गलत है. विधायक ने उनके विभाग के किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं किया. एनटीपीसी के बयान के बाद आरोपियों की नौकरी का विरोध करने वाले लोगों का गुस्सा भी शांत हो गया.
बता दें कि 28 सितंबर, 2015 को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस रखने के आरोप में मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस हमले में अखलाक के बेटे को भी बुरी तरह पीटा गया था. अखलाक की हत्या मामले में कुल 18 लोगों पर आरोप लगे हैं, जिनमें तीन नाबालिग शामिल हैं.
आज भी यह एक पहेली बना हुआ है कि अखलाक के घर से बरामद मांस का टुकड़ा बीफ था या मटन? पुलिस की शुरूआती जांच में उसे मटन बताया गया था. इसी बीच मथुरा स्थित फोरेंसिक लैब ने जांच के बाद बरामद मांस के टुकड़े को गोमांस ही बताया था. हालांकि यूपी पुलिस अखलाक के परिवार के गोकशी या उससे जुड़ी किसी भी बात के अभी तक प्रामाणिक सबूत नहीं जुटा पाई है.