आणंद : गुजरात में पिछले काफी समय से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. इन्हीं अत्याचारों के चलते कल ही गुजरात के 300 से ज्यादा दलितों ने बौद्ध धर्म अपनाया था. रविवार को गुजरात के आणंद जिले में एक 19 साल के दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया है. युवक की पीट-पीट कर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि वो एक गरबा आयोजन में शामिल हो गया था. पटेल समुदाय के लोगों पर इस युवक की हत्या का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक जयेश सोलंकी, उसका रिश्तेदार प्रकाश सोलंकी और दो अन्य दलित व्यक्ति भद्रानिया गांव में एक मंदिर के बगल में स्थित घर के पास बैठे थे. तभी एक सवर्ण शख्स ने उनको जाति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की. आरोपी ने कहा कि दलितों को गरबा देखने का अधिकार नहीं है. उसने जातिवादी टिप्पणी की और कुछ लोगों को मौके पर आने को कहा. जिसके बाद सवर्ण जाति के आरोपियों ने दलितों की पिटाई की और जयेश का सिर एक दीवार पर दे मारा. जयेश को करमसाड में एक अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ हत्या से संबंधित आइपीसी की विभिन्न धाराओं और अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर ली है. एससी-एसटी प्रकोष्ठ के पुलिस उपाधीक्षक एएम पटेल ने बताया कि यह पूर्व नियोजित हमला नहीं लग रहा. गरमा-गरमी के बीच जयेश की हत्या कर दी गई. पुलिस सभी पहलुओं से मामले की पड़ताल कर रही है. अभियुक्तों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
इससे पहले गुजरात में दलित की पिटाई का एक और मामला कुछ दिन पहले सामने आया था. तब विवाद कथित तौर पर मूंछ रखने को लेकर हुआ था. तब जिस शख्स को पीटा गया था उसका नाम पीयूष परमार था. पीयूष ने बताया था कि विवाद उसकी मूंछ पर शुरू हुआ था क्योंकि दूसरे समुदाय के लोगों को दलितों का मूछ रखना पसंद नहीं था.