जानिए नई विदेश व्यापार नीति की खास बातें

देश का निर्यात 2019-20 तक बढ़ाकर 900 अरब डॉलर तक करने के लक्ष्य के साथ बुधवार को देश की नई विदेश व्यापार नीति जारी कर दी गई. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश व्यापार नीति-2015-20 जारी की और कहा कि 2020 तक वह विश्व व्यापार में भारत को एक महत्वपूर्ण कारक बनाना चाहती हैं.

Advertisement
जानिए नई विदेश व्यापार नीति की खास बातें

Admin

  • April 2, 2015 2:28 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. देश का निर्यात 2019-20 तक बढ़ाकर 900 अरब डॉलर तक करने के लक्ष्य के साथ बुधवार को देश की नई विदेश व्यापार नीति जारी कर दी गई. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश व्यापार नीति-2015-20 जारी की और कहा कि 2020 तक वह विश्व व्यापार में भारत को एक महत्वपूर्ण कारक बनाना चाहती हैं.

निर्यात बढ़ाने की योजना की रूपरेखा देते हुए नीति में नीतियों का सरलीकरण किया गया है और कर छूट जैसे उपाय अपनाए गए हैं. इसमें पुरानी योजनाओं और प्रक्रियाओं का भी सरलीकरण किया गया है. सरकार ने सभी पुरानी निर्यात संवर्धन योजनाओं का दो योजनाओं में वर्गीकृत कर दिया है -मर्के डाइज निर्यात योजना (एमईआईएस) और सेवा निर्यात के लिए सव्र्ड फ्रॉम इंडिया योजना (एसएफआईएस).

सेवा निर्यातकों को दी जाने वाली आयात शुल्क छूट पर्ची का उपयोग सेवा कर, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क भुगतान में किया जा सकेगा. नई नीति में अन्य चीजों के अलावा बेहतर ब्रांडिंग और गुणवत्ता नियंत्रण के जरिए प्रसंस्कृत और पैकेज्ड कृषि और खाद्य सामानों को बढ़ावा देने का प्रावधान भी शामिल है. इसके तहत कृषि और ग्रामीण उत्पादों को मदद पहुंचाई जाएगी. नीति में रक्षा, फार्मा और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है। इनके निर्यातकों को विनिर्माण और व्यापार में कर छूट दी गई है.

विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) के अंदर आने वाली विनिर्माण इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए सहायता के विशेष प्रावधान किए गए हैं. नई नीति में व्यापार नीति बनाने में राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों की भूमिका बढ़ाई गई है. इसमें पूरी दुनिया के बाजार को तीन भू-आर्थिक क्षेत्रों में बांटा गया है. नीति में निर्यात तथा देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ब्रांडिंग अभियान और अन्य गतिविधियों पर विशेष जोर दिया गया है. कौशल भारत पहल के तहत व्यापार बढ़ाने के लिए उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इन कदमों से पता चलता है कि सीतारमण निर्यात को 2013-14 के 465.9 अबर डॉलर से बढ़ाकर 2019-20 तक 900 अरब डॉलर तक पहुंचाने को लेकर गंभीर हैं.
IANS

Tags

Advertisement