पटनाः बिहार कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अशोक चौधरी को हटाकर दरअसल बिहार कांग्रेस के नए कार्यकारी अध्यक्ष बने कौकब कादरी ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाला लेकिन इस मौके पर सूबे के 27 पार्टी विधायकों में से 26 नदारद थे.
विधायकों के कार्यक्रम में ना आने को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल अशोक चौधरी को हटाए जाने से पार्टी के विधायक नाराज हैं. राज्य कांग्रेस के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के सिर्फ एक विधायक सिद्धार्थ ने शिरकत की.
कांग्रेस पार्टी के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि पार्टी की राज्य इकाई में दो फाड़ हो सकते हैं, जिसमें एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं. चौधरी ने हाल में आरोप लगाया था कि एक वर्ग पार्टी की बिहार इकाई में बगावत को हवा देने के लिए उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब कर रहा है.
वहीं अध्यक्ष पद से हटाए जाने से नाराज अशोक चौधरी ने कहा, वह पार्टी के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इस तरह से हटाया जाएगा. उनके परिवार की दो पीढ़ियों ने बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम किया. उन्हें पार्टी से बेइज्जत करके निकाला गया है, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
नवनियुक्त कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष कादरी ने कहा कि बीजेपी के काले कारनामों का पर्दाफाश करने के लिए कांग्रेस पूरे बिहार में आंदोलन चलाएगी. उन्होंने कहा, करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले और बातेश्वरस्थान गंगा पंप नहर योजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कांग्रेस जनता के बीच जाएगी.
इस दौरान कादरी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मतभेद भुलाकर पार्टी को मजबूत करने की अपील की. आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन का कुछ कांग्रेसी विधायक विरोध कर रहे हैं. इस सवाल पर कादरी ने कहा कि यह नीतिगत मामला है जिस पर पार्टी हाईकमान फैसला करेगा.
बता दें कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं. बिहार में जेडीयू के महागठबंधन से हटने के बाद इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि उसके कुछ विधायक जेडीयू में शामिल हो सकते हैं. हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस सिलसिले में 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात भी की थी.