अहमदाबाद. गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने महिला निर्माण मजदूरों के एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात के श्रमिक दिन में कितनी शराब पीते हैं इसका एक सर्वे होना चाहिए. बता दें गुजरात में दशकों से शराबबंदी है.
गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हार्ट का सर्वे होता है, चमड़ी के रोग का सर्वे, आंख का सर्वे, फेफड़ों में दर्द का सर्वे और न जाने कितने तरीके के सर्वे होते हैं, लेकिन शराब का सर्वे नहीं होता है. इसीलिए मेरा मानना है कि गुजरात के श्रमिक दिन में कितनी शराब पीते हैं इसका एक सर्वे होना चाहिए.
आनंदीबेन पटेल ने इशारो इशारों में कहा कि आज भी कहीं न कहीं शराब गुजरात में चलन में है. तभी मजदूरों की सबसे बड़ी कमजोरी शराब की लत ही है. पटेल ने औरतों को कहा कि क्या आपसे किसी ने पूछा कि आपका घरवाला पीता है ? नहीं न इसीलिए शराब का सर्वे भी करवाना चाहिए. क्योंकि श्रमिक अपनी कमाई का आधा भाग शराब पर बर्बाद कर देते हैं. इसीलिए वो शराब का सर्वे करवाने की मांग करेंगी.
गौरतलब है कि गुजरात में राज्य सरकार ने दशकों से शराब पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री का शराब पर ऐसी बातें बोलना इस बात का साफ-साफ संकेत देता है कि गुजरात में अभी भी गैर कानूनी तरीके से लोग शराब पी रहें हैं.