भोपाल. सिमी आतंकवादी मामले में मध्य प्रदेश पुलिस को क्लिन चिट मिल गई है. 31 अक्टूबर 2016 को जेल से भागे स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ सदस्यों के मारे जाने का है ये मामला.
सिमी एंनकाउटर में पुलिस को मिली क्लिन चिट पर विपक्ष ने एक बार फिर जमकर हमला किया. कांग्रेस का मानना है कि ये एंनकाउटर फर्जी था. सरकार ने पहले एएनआई से मामले की जांच करवाने की मांग की. लेकिन बाद में न्यायिक जांच आयोग को ये मामला सौंपा गया. इसमें हाईकोर्ट के रिटायर जज एस के पांडे ने पूरे मामले की जांच की.
12 पेज की ये रिपोर्ट को जस्टिस ने सामान्य प्रशासन को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट को विधानसभा के शीतकाल सत्र में सबके सामने रखा जाएगा. सरकार का कहना है कि रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा.
क्या है भोपाल जेल ब्रेक मामला
भोपाल की सेंट्रल जेल से स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) के 8 सदस्यों को पुलिस ने मार गिराया था. ये आंतकवादी 30-31 अक्टूबर की रात को जेल के वॉचमैन की हत्या कर जेल की दीवर फांदकर फरार हो गए थे.
जेल से भागने वालों में अहमद रमजान खान, जाकिर हुसैन, शेख मेहबूब, मोहम्मद सालिक, मुजीब शेख, अकील खिलजी, खालिद अहमद और मजीद नागौरी शामिल थे, ये आठों पुलिस एनकाउंटर में मारे गए.