Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • वर्दी घोटाला: बिहार के पूर्व DG रामचंद्र खां दोषी, 3 साल की सजा

वर्दी घोटाला: बिहार के पूर्व DG रामचंद्र खां दोषी, 3 साल की सजा

रांची. संयुक्त बिहार के चर्चित वर्दी घोटाला मामले में झारखंड कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में बिहार के पूर्व डीजी रामचंद्र खां को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही उनके साथ तीन अन्य आरोपियों को भी तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की गई है.    80 […]

Advertisement
  • September 18, 2017 11:55 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
रांची. संयुक्त बिहार के चर्चित वर्दी घोटाला मामले में झारखंड कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में बिहार के पूर्व डीजी रामचंद्र खां को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही उनके साथ तीन अन्य आरोपियों को भी तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की गई है. 
 
80 के दशक के बहुचर्चित वर्दी घोटाला मामले में रामंचंद्र खां सहित कुल 10 आरोपी थे, जिनमें से करीब 6 की मौत हो चुकी है. बता दें कि वर्ष 1983-84 के बीच 44 लाख का वर्दी घोटाला हुआ था.
 
दरअसल, 80 के दशक में सिपाहियों की वर्दी काफी ऊंचे दामों में खरीदी गई थी. इसमें 44 लाख रुपये का घोटाला किया गया था. इसमें रामचंद्र खां के साथ अन्य 9 लोग आरोपी थे. दरअसल, 80 के दशक से पहले वर्दी खरीदने के लिए सेंट्रल पर्चेज कमेटी होती थी. मगर उसके बाद इसका अधिकार बीएमपी कमांडेंट स्तर के अफसरों को दे दी गई, जिसका मतलब था कि अब वे अपने स्तर से बाजार से वर्दी की कमी होने पर खरीद सकते थे. 
 
 
83-84 के बीच के दौरान रामचंद्र खां एआईजी बजट के पद पर तैनात थे. उन्होंने वर्दी खरीद की मंजूरी दी थी. साल 1986 में मामला सामने आने के बाद तत्कालीन सरकार ने इसकी जांच सीबीआई के हवाले कर दी, जिसमें 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में बड़ी गिरफ्तारी 2014 में रामचंद्र खां के रूप में हुई. 
 
इस मामले की जांच सीबीआई कोर्ट कर रही है. इसमें रामचंद्र खां जमानत पर थे. इन सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120 बी, 420 और 468 के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच में सिर्फ 10 लाख की ही वर्दी खरीदारी के सबूत मिले थे और 34 लाख का कोई प्रमाण नहीं मिला था. 
 
 
गौरतलब है कि 13 मार्च 1986 को बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसमें वर्ष 1996 में चार्जशीट दायर किया गया था. इस मामले में पूर्व आईजी रामचंद्र खां के खिलाफ बिहार के पूर्व डीजीपी एके पांडेय और झारखंड के पूर्व डीजीपी नेयाज अहमद ने गवाही दी थी.
 

Tags

Advertisement