भुवनेश्वर. ओडिशा के मलकानगिरी और कालाहांडी जिले में मिड डे मील खाने से बच्चों के बीमार होने की खबर है. बताया जा रहा है कि दोनों जिलों के अलग-अलग स्कूलों में मिड डे मील खाने से एक साथ 230 बच्चे बीमार हो गये हैं, जिनमें 150 छात्राएं हैं.
इंटिग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी के प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेटर रामकृष्ण गोंड के मुताबिक, मलकानगिरी के चित्राकोंडा आदिवासी इलाके में सरकारी आवासीय स्कूल की करीब 150 लड़कियां फूड प्वाइजिनिंग की वजह से बीमार हो गईं.
उन्होंने कहा कि मिड डे मील खाने के बाद उल्टी-दस्त, पेट दर्द और जी मिचलाने की शिकायत के बाद बीमार छात्राओं को तुरंत ही स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. मगर उसके बाद बेहतर इलाज के लिए छात्राओं को चित्राकोंडा के अस्पताल में भर्तीय कराया गया. रामकृष्ण गोंड ने कहा कि मामले की जांच हो रही है कि आखिर इस घटना की वजह क्या है.
अधिकारियों ने कहा कि गोंड के अलावा मलकानगिरी के जिला कलेक्टर के सुदर्शन चक्रवर्ती छात्राओं की स्थिति का जायजा लेने अस्पताल पहुंचे. साथ ही छात्राओं को बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट मिल रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि ठीक इसी तरह की घटना पिछले दिन कालाहांडी जिले में हुई थी, जिसमें पांच स्कूलों में करीब 80 बच्चे मिड डे मील खाकर बीमार हो गये थे.
अधिकारियों ने कहा कि लालजीगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले लुमा, कुबरी, बांधपरी, राजेंद्रपुर और दांगरी गांव के स्कूल के बच्चों ने उल्टी, जी मिचलाने और पेट दर्द की शिकायत की थी. बीमार बच्चों को विश्वनाथपुर के सरकार अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उनमें से दो को भवानीपटना सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया गया.
अधिकारियों की मानें तो लांजीगढ़ ब्लॉक के 176 स्कूलों में मिड डे मील ट्रस्ट के द्वारा तैयार और सप्लाई किया जाता है. उसके बाद गाड़ियों से सभी अलग-अलग स्कूलों में भोजन को भेजा जाता है.
विश्वनाथपुर में जिला शिक्षा अधिकारी, सब कलेक्टर और तहशीलदार स्थिति का जायजा लेने के लिए बिश्वनाथपुर का दौरा किया. जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार नाइक ने कहा कि पांच स्कूलों के करीब 80 से अधिक बच्चे दूषित भोजन से प्रभावित हुए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है. उनमें से अधिक को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि स्थिति निंयत्रण में है और बीमार बच्चे जल्द ही ठीक हो रहे हैं.