शाहजहांपुर: यूपी के लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी कोतवाली इलाके में एक साथ 12 बंदरों की मौत का मामला समाने आया है. बंदरों के शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम किया गया तो पता चाल कि उनकी मौत हार्ट अटैके से हुई है. एक ही वजह से इतने सारे बंदरों की मौत का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि कुछ वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों की राय है कि बंदरों की मौत इनफेक्शन से भी हो सकती है. जो कि पहले पकड़ में नहीं आया होगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबित बंदरों की मौत के बाद चार डॉक्टरों की एक टीम जिसमें उप प्रमुख पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद फारुख, डॉ. रविकांत वर्मा, एके त्रिपाठी और डॉ पुष्पेंद्र कुमार के साथ तीन और डॉक्टरों ने मोहम्मदी पुश अस्पताल में बंदरों का पोस्टमार्टम किया.
मोहम्मदी के फॉरेस्ट रेजंर एसएन यादव ने टीओआई को बताया सभी बंदरों की मौत एक ही तरह से हुई है. बंदरों के दिल में थक्के पाए गए हैं. पोस्टमार्टम में न तो प्वाइजन मिला है और न ही शरीर पर किसी प्रकार के चोट के कोई निशान मिले हैं. यादव ने कहा कि बंदरों की मौत बेहद संवेदनशील मामला है. जिस जगह बंदर के शव मिले हैं उस इलाकों में बाघों का आना-जाना लगा रहता है.
एक साथ हार्ट अटैक के पीछे ये वजह
रेंजर एसएन यादव ने कहा कि जहां बंदरों की मौत हुई थी वहां से जवान बाघ के पैर के निशान मिले हैं. इस इलाके में पहले टाइगर ने एक आदमी को मार दिया था. रेंजर ने कहा बाघ के गर्जन से भी बंदरों की मौत हो सकती है. क्योंकि जब एक टाइगर घूमता है तो कम से कम दो-तीन बार गर्जन करता है. हो सकता है सोमवार की रात ऐसा हुआ हो और बाघ के गर्जन से बंदर डर गए हों और दिल का दौरा पड़ गया हो.