नई दिल्ली: उज्जैन शहर में स्थित एक अनोखा इमली का पेड़, जिसे ‘हाथी पांव’ के नाम से जाना जाता है, लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इसका तना इतना मोटा है कि यह किसी हाथी के पैर जैसा दिखता है। यह पेड़ न सिर्फ छाया प्रदान करता है, बल्कि इसके मोटे तने में कई पक्षियों ने अपना घोंसला भी बना रखा है।
यह इमली का पेड़ राजस्व कॉलोनी में आदिम जाति कल्याण विभाग के सामने स्थित है और करीब 500 साल पुराना है। वन विभाग अधिकारी मदन मोहरे के अनुसार, इस प्रकार के विशालकाय इमली के पेड़ धार और मांडव क्षेत्र में देखने को मिलते हैं, लेकिन उज्जैन में यह एकमात्र ऐसा पेड़ है।
मदन मोहरे बताते हैं कि इस पेड़ से मिलने वाले इमली के फल का उपयोग आयुर्वेदिक पद्धति में किया जाता है। इसकी इमली को पहले सुखाया जाता है और फिर इसके पाउडर का उपयोग किया जाता है।
राजस्व कॉलोनी में रहने वाले लोग इस पेड़ को संरक्षित रखने की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। वर्तमान में पेड़ को संरक्षित रखने के लिए जिम्मेदारों को इसकी ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस पेड़ का लाभ उठा सकें।
शहर में विकास के नाम पर तेजी से वृक्षों की कटाई हो रही है। देवास रोड से कोठी पहुंचने वाले मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान सैकड़ों पेड़ों को काट दिया गया है। विकास के नाम पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करना गलत है और इस पर रोक लगाने की जरूरत है।
राजस्व कॉलोनी में रहने वाले लोगों को इस पेड़ से अत्यधिक लगाव है। इस पेड़ की छाया में क्षेत्र के रहवासियों की कई पीढ़ियां अपना बचपन बिता चुकी हैं और आज भी इसे एक पारिवारिक सदस्य के रूप में मानते हैं। इस अनोखे इमली के पेड़ की कहानी न केवल पेड़-पौधों के संरक्षण की जरूरत को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक पेड़ कई पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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