पटना: लगता है इन दिनों बिहार में जो भी समस्या है उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण चूहे हैं. चूहों पर पहले जब्त की गई हजारों लीटर शराब पीने का आरोप लगा और अब बिहार में आई बाढ़ के लिए भी चूहों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. बिहार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन ने बाढ़ के लिए चूहों को जिम्मेदार बताया है.
उन्होंने तर्क दिया कि मुख्य नदी से बांध काफी दूर होते हैं और नदी किनारे रहने वाले लोग बांध पर मचान बनाकर उसमें अनाज रखते हैं जिससे वहां चूहे आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि चूहे बांध में छेद कर देते हैं जिससे बांध कमजोर हो जाता है. उन्होंने कहा कि हमने 72 घंटों के भीतर कई जगहों पर चूहे के बिल को बंद कर लोगों को बाढ़ की चपेट में आने से बचाया है.
उन्होंने ये भी कहा कि विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं कि चूहे बांध को कमजोर कर देते हैं. इसके अलावा इस बार कई सालों के बाद देश के उत्तरी हिस्से में जबर्रदस्त बारिश हुई. विभाग के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने भी चूहों को ही इस समस्या की मुख्य वजह बताया है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जैसे ही इंजीनियरों को चूहों की वजह से कमजोर हो रहे बांध के बारे में जानकारी मिली, वैसे ही उन्होंने बिना समय गवाए उस बांध की मरम्मत की. दूसरी तरफ विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार चूहों पर आरोप नहीं मढ़ सकती. विपक्ष ने कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए सरकार चूहों को बलि का बकरा बना रही है.
महागठबंधन टूटने के बाद बिहार में विपक्ष का मुख्य चेहरा बने लालू प्रसाद यादव ने बिना समय गवाए सरकार की इस चूहा दलील पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा- जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सबसे बड़े मूषक हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि चूहे ही सबसे बड़ी समस्या है तो सरकार को इससे निपटने के लिए तुरंत कोई योजना बनानी चाहिए.
गौरतलब है कि बिहार के 21 जिलों में आई भयानक बाढ़ की वजह से अबतक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लाखों लोग बेघर हो गए हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी ने बिहार का हवाई दौरा करने के बाद बाढ़ पीड़ितों के लिए 500 करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था.