जोधपुर: जिस डॉक्टर पर भरोसा कर आप अपनों को उनके हलावे कर देते हैं कई बार वही डॉक्टर मरीज की जिंदगी के साथ ऐसी लापरवाही कर बैठते हैं जो मरीज की जान भी ले सकती है. ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान के जोधपुर स्थित उम्मेद अस्पताल में जहां ऑपरेशन टेबल पर महिला बेसुध पड़ी थी और डॉक्टर आपस में लड़ रहे थे.
अब इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है. राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि उम्मेद अस्पताल की घटना ने दुनिया के सामने राजस्थान की छवि को धूमिल किया है. साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर को इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कलेक्टर को 4 सितंबर तक रिपोर्ट जमा करने को कहा है कि उन्होंने इस मामले में क्या एक्शन लिया है.
इस मामले में अस्पताल के सहायक आचार्य को राज्य सरकार ने सेवा से मुक्त कर दिया है.
इससे भी बड़ी बात ये है कि ऑपरेशन थिएटर में मोबाइल से झगड़े की वीडियो भी बनाई गई. जानकारी के मुताबिक उम्मेद हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला के बच्चे की मां के पेट में ही मौत हो गई थी. महिला ऑपरेशन थिएटर में बेसुध पड़ी थी. इस बीच गायनी विभाग के दो डॉक्टर अशोक नेनीवाल और ऐनेस्थेटिक डॉ. एमएल टाक की किसी बात पर बहस हो गई और वो मरीज को भगवान भरोसे छोड़कर आपस में ही लड़ने लगे.
गौरतलब है कि मोबाइल को इंफेक्शन और रेडिएशन का बड़ा सोर्स माना जाता है इसलिए ऑपरेशन थिएटर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल की सख्त मनाही होती है. इसके बावजूद ना सिर्फ ऑपरेशन थिएटर में मोबाइल ले जाया गया, उससे वीडियो शूट हुआ और शूट भी ऐसा जिसे देखकर आप अपनी ही आंखों पर भरोसा ना कर पाएं.
मीडिया में मामला उछलने के बाद मचे बवाल के बाद उम्मेद हॉस्पिटल के प्रिंसिपल ने दोनों डॉक्टरों को हटा दिया है और उनके खिलाफ अनुशासात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है.