नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनात उप महाप्रबंधन (डीजीएम) परियोजना आशीष कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डीजीएम पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में खाली हुए जीएम पद के प्रतिनियुक्ति को लेकर प्राधिकरण के कुछ अफसरों ने दो उच्च अधिकारियों और एक केंद्रीय मंत्री के खिलाफ शासन स्तर पर झूठी शिकायत करा दी थी.
गिरफ्तार किए जाने से पहले चेयरमैन ने डीजीएम को अपने ऑफिस बुलाया था जहां पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक अथॉरिटी की गोपनीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए शिकायत की थी कि जीएम पद के लिए 3 करोड़ की लेनदेन हुई है. शिकायत के बाद हुई जांच में पता चला कि उनकी शिकायत पूरी तरह से गलत है. जिसके बाद से ही शिकायतकर्ताओं की तलाश की जा रही थी.
शिकायत पर प्रशासन ने मामले की जांच कराई तो शिकायत झूठी निकली. जो लोग शिकायत किए थे उनका पता भी फर्जी निकला. जब पूरा मामला फर्जी निकला तो कुछ दिन पहले अज्ञात लोगों के प्राधिकरण की गोपनियता भंग करने पर कासना कोतवाली में 11 अगस्त को 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. सूत्रों की मानें तो इस मामले में अभी और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
क्योंकि इस साजिश में अकेले डीजीएम ही शामिल नहीं हैं. हालांकि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है. आशीष कुमार सिंह यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में डिप्युटेशन पर तैनात थे. वह गाजियाबाद नगर निगम में अधिशासी अभियंता ट्रैफिक पद से प्राधिकरण में डीजीएम पद पर आए थे.