विवाद के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे HC के जज के खिलाफ भेदभाव की शिकायत वापस ली

महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस ओक पर भेदभाव करने के आरोपों को वापस ले लिया है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लूर को पत्र लिखकर जस्टिस ओक पर भेदभाव करने की शिकायत की थी.

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विवाद के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे HC के जज के खिलाफ भेदभाव की शिकायत वापस ली

Admin

  • August 28, 2017 11:28 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस ओक पर भेदभाव करने के आरोपों को वापस ले लिया है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मंजुला चेल्लूर को पत्र लिखकर जस्टिस ओक पर भेदभाव करने की शिकायत की थी. सरकार ने पत्र में कहा था कि जस्टिस ओक पक्षपात करते हैं. दरअसल ध्वनि प्रदूषण मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस ओक महाराष्ट्र सरकार को कई बार फटकार लगा चुके थे जिससे नाराज होकर महाराष्ट्र सरकार ने चीफ जस्टिस से जस्टिस ओक की शिकायत की थी. 
 
जस्टिस ओक ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों पर जमकर लताड़ लगाते हुए कहा था कि सरकार को क्या लगता है कि कोर्ट की कार्यवाही बच्चों का खेल है? कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को ये भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 155 साल के इतिहास को मिट्टी में मिला दिया. जस्टिस ओक ने महाराष्ट्र सरकार के इस कदम पर कहा था कि 14 सालों के करियर में किसी ने उनपर भेदभाव का आरोप नहीं लगाया. 
 
गौरतलब है कि सरकार द्वारा हाई कोर्ट के जज की मंशा पर सवाल उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर वकीलों ने सोशल मीडिया पर सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की थी. ध्वनि प्रदूषण मामले की सुनवाई से हटाए जाने के बाद जस्टिस ओक को वापस इस मामले की सुनवाई के लिए लगाया गया है. 
 

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