नई दिल्ली: अक्टूबर के बाद आप दिल्ली से कहीं हवाई यात्रा करने वाले हैं तो जरा सावधान हो जाइए. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड यानी (DIAL) अक्टूबर से विमानों का एक तिहाई परिचालन टर्मिनल टी-2 से करने जा रही है. एयरपोर्ट पर लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए DIAL ने टर्मिनल टी-1 की क्षमता को बढ़ाने का फैसला किया है. इसलिए अक्टूबर के बाद अगर आप एयरपोर्ट पर किसी भी तरह की परेशानी से बचना चाहते हैं तो आप पहले से पता कर लें कि आपकी फ्लाइट किस टर्मिनल से उड़ान भरने वाली है क्योंकि अक्टूबर से सभी टर्मिनल से घरेलू विमानों का परिचालन होगा.
DIAL ने टर्मिनल टी-2 से करीब 30 फीसदी घरेलू उडानों का परिचालन करने का फैसला किया है. इसका मतलब ये हुआ कि इंडिगो, स्पाइस जेट और गो एयर की घरेलू उड़ाने दोनों टर्मिनल से उड़ान भरेंगी जो एक दूसरे से सात किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में अगर आप आखिरी मौके पर फ्लाइट पकड़ने की सोचते हैं और आपको पता चले कि आपकी फ्लाइट दूसरे टर्मिनल से है तो आपकी फ्लाइट मिस होने की संभावना बढ़ जाएगी.
गौरलतब है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर दो ऑपरेशनल टर्मिलन है. टी-1 और टी-3. टर्मिलन टी-1 अपनी क्षमता से ज्यादा फ्लाइट ऑपरेशन करता है वहीं टर्मिलन टी-3 पर भी फ्लाइट की आवाजाही बढ़ने से भीड़भाड़ बढ़ गई है. टर्मिनल टी-1 की क्षमता 2 करोड़ पैसेंजर्स की है जबकि यहां से 24 करोड़ पैसेंजर्स आते हैं.
DIAL के मुताबिक उन्होंने लो कॉस्ट कैरियर यानी (LCC) से 31 अगस्त तक पूछा है कि वो कितने विमान टर्मिलन टी-2 से ऑपरेट करना चाहते हैं. साथ ही DIAL ने तीनों एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि टी-1 से ऑपरेट करने वाली एक तिहाई फ्लाइट का परिचालन टी-2 से करें.