पटना: करीब आठ सौ करोड़ रूपये के सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया है. सीबीआई अब इस घोटाले की जांच करेगी. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी किया.
गौरतलब है कि ये घोटाला 2007 से 2013 के बीच हुआ. उस समय डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी वित्त मंत्री थे. इस मामले में डिप्टी सीएम सुशील मोदा की भूमिका पर सवाल उठने के बाद पिछले हफ्ते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे.
सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पी के ठाकुर, प्रिंसिपल सेकेट्री (गृह विभाग) आमिर सुभानी, आईजी और ईओयू जितेंद्र सिंह गंगवार के साथ हाई लेवल मीटिंग के बाद इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया.
शुरूआती जांच में पता चला है कि इस घोटाले में भागलपुर जिले में मौजूद राष्ट्रीय बैंकों के अलावा कई सरकारी अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं. इस मामले पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने सीबीआई जांच की मांग की थी.
गौरलतब है कि इस घोटाले ने सीएम नीतीश कुमार के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. उन्होंने लालू यादव और उनके परिवार पर रेलवे टेंडर घोटाले के आरोपों के आधार पर ही ये कहकर महागठबंधन तोड़ा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी पार्टी की जीरो टॉलरेंस की नीति है.