दरभंगा: बाढ़ ने बिहार में इस कदर कहर बरपाया है कि कितनों की जिंदगियां तबाह हो गईं. इसी बाढ़ की एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. जिसमें व्यक्ति के मरने के बाद भी दो गज जमीन नसीब नहीं हुई है. लाचार पत्नी ने पानी की तेज धारा में मुखाग्नि देकर पति की लाश को नदीं में बहा दी.
यह घटना है दरभंगा जिले के जाले प्रखंड के ढढ़ीया की जहां बाढ़ के बीच दम तोड़ने वाले परमेश्वर यादव की मौत होने के बाद दो गज जमीन भी अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिली. अंत में पड़ोस के लोगों ने केले के थम पर पत्नी से मुखाग्नि दिला परमेश्वर को तेज धारा में परवाह कर दिया.
कुदरत भी क्या दिन दिखाती है, कभी घर खुशियों से भर देती है तो कभी खुशियों को छीनने को लेकर बेदर्द हो जाती है. अगस्त के दूसरे सप्ताह में आये बाढ़ की बेहरमी ऐसी की शवों को जलाने के लिए दो गज जमीन भी नहीं बची. बाढ़ की विभीषिका ऐसी कि श्राद्ध कर्म करने के लिए तलाब नहीं बचे, सुखी जगह के तलाश में सड़क किनारे क्रिया-कर्म करने की विवशता है.
घर में दबकर हुई थी परेमेश्वर की मौत
अचानक बाढ़ की चपेट में आने से परमेश्वर को घर गिर गया, जिसमें दबकर उसकी मौत हो गई. खिरोई नदी के किनारे श्मसान घाट, जिसे मुक्तिधाम कहा जाता है अथाह पानी में डूबा था, घर के बाहर सड़क पर पानी की तेज धारा और जलावन की व्यवस्था नहीं हो सकी. रिस्तेदारों ने शव को पानी में बहा दिया. पांच दिन बाद भी घर और दरवाजे पानी में डूबे हैं. विपत्ति ऐसी की एक मात्र बेटे जिसकी जान पहले ही एक घटना ने ले लिया और एक सहारा पति का था ओ भी बाढ़ में छीन गया.
प्रशासन और जन प्रतिनिधियों ने नहीं ली खबर
परमेश्वर के मौत के बाद अंतिम क्रिया के बिध व्यवहार भी समाज के सहोयोग से हो रहा है. इसके लिए न तो प्रशासन सामने आया और ना ही वहां के जन प्रतिनिधि. इस संबंध में इंडिया न्यूज़/इनखबर के पास 17 अगस्त की घटना की वीडियो जब हाथ आया तो हम भी इस दिल दहला देने वाली वीडियो को देख दंग रह गए.
इसकी विस्वसनीता पर भी मन में सवाल उठा लेकिन जब लोगों ने पूरी कहानी बताई तो सांसे थम गईं. इस संबंध में जब प्रखंड के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने ने भी प्रशासनिक चूक की बात कहते हुए इंडिया न्यूज़ के माध्यम से जानकारी मिलने की बात कही. बता दें कि इस प्रखंड में सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 5 लोगो की मौत हो चुकी है जब की आम लोगो की जानकारी के अनुसार यह संख्या अधिक है.