लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्र सड़कों पर उतर गए हैं. राज्य सरकार के सख्त निर्देशों के बाद भी ये लाखों शिक्षामित्र समान कार्य-समान वेतन की मांग को लेकर महाधरने में शामिल होने लखनऊ पहुंच गए हैं.
सीएम कार्यालय की ओर से रविवार को सभी जिलाधाकारियों को निर्देश दिया गया था कि उनके जिले से कोई भी धरने के लिए लखनऊ नहीं आ सके. लेकिन बावजूद इसके लाखों की संख्या में शिक्षामित्र किसी की परवाह नहीं करते हुए लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में धरना देने के लिए पहुंचे हैं.
लखनऊ से प्रदर्शन पर रोक के आदेश के बाद झांसी, गोंडा, ललितपुर से लखनऊ आ रहे शिक्षामित्रों को वहीं गिरफ्तार कर लिया गया. शिक्षामित्रों ने टीईटी से छूट दिलाने, ‘समान कार्य समान वेतन’ की तर्ज पर मानदेय बढ़ाने और अध्यादेश जारी कर उनकी समस्या के स्थायी समाधान का रास्ता निकालने की मांग की है. शिक्षा मित्रों के प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी में सीएम आवास, विधानसभा और राजभवन के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
बता दें कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों समायोजन रद्द करते हुए गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी थी. जिस के बाद शिक्षामित्र स्कूलों को बंद करते सड़कों पर उतर गए थे. लेकिन 29 जुलाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों से उनकी समस्या का हल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था. निर्धारित समय बीतने के बाद शिक्षामित्र एक बार फिर से लखनऊ में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन पर बैठ गए हैं.