पटना. भागलुपुर में 1000 करोड़ के सृजन घोटाले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. नीतीश कुमार ने ये सिफारिश उस वक्त की है, जब उन पर घोटाले को दबाने के आरोप लग रहे हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने भागलपुर में सरकारी खाते से राशि की अवैध निकासी के मामले पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की. इस बैठक के बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया है.
बिहार में सृजन एनजीओ घोटाले को लेकर पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति गरमाई हुई है. इसे लेकर लालू प्रसाद और उनके बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सुशील मोदी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. लालू प्रसाद का आरोप है कि सुशील मोदी इस घोटाले में शामिल हैं.
बता दें कि लालू यादव ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. उन्होंने सृजन एनजीओ में बड़े स्तर पर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा था कि इसे को-ऑपरेटिव बनाने में सुशील मोदी शामिल हैं. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा था.
इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि इतना बड़ा घोटाला हुआ है, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. हम आप सब से कहना चाहते हैं कि विश्वास रखिए इस मामले में चाहे जो भी अधिकारी हो या कर्मचारी हो, चाहे कोई हो, उसे बक्शा नहीं जायेगा.’
क्या है मामला-
बता दें कि अब तक चारा घोटाले को ही सरकारी राशि के दुरुपयोग का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा था. इसमें 1000 करोड़ से अधिक की राशि की हेराफेरी का मामला सामने आया था. वहीं सृजन घोटाले में यह राशि अभी ही 974 करोड़ रुपये के पास पहुंच गयी है.
इस बात को पुलिस भी कबूल रही है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से ही चल रहा था. इस मामले में बैंक अधिकारी, सरकारी अधिकारी सहित 10 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है.