बिहार: बाढ़ ने तो सिर्फ जिंदगी ली, मगर शवों को पानी में फेंककर उनकी आत्मा को तार-तार किया जा रहा है

बिहार में बाढ़ की कहर से चारों ओर हाहाकार मचा है. बाढ़ के चलते मौत के आंकड़ें हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. बाढ़ में मरने वाले को दो गज जमीन भी नहीं मिल रही, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जा सके. जी हां, एक ओर बाढ़ से सूबे में तबाही का मंजर है, वहीं दूसरी ओर अमानवीय तरीके से मृतकों के लाशों को ठिकाने लगाया जा रहा है.

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बिहार: बाढ़ ने तो सिर्फ जिंदगी ली, मगर शवों को पानी में फेंककर उनकी आत्मा को तार-तार किया जा रहा है

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  • August 17, 2017 12:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पटना. बिहार में बाढ़ की कहर से चारों ओर हाहाकार मचा है. बाढ़ के चलते मौत के आंकड़ें हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. बाढ़ में मरने वाले को दो गज जमीन भी नहीं मिल रही, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जा सके. जी हां, एक ओर बाढ़ से सूबे में तबाही का मंजर है, वहीं दूसरी ओर अमानवीय तरीके से मृतकों के लाशों को ठिकाने लगाया जा रहा है. 
 
हैरान करने वाली बात ये है कि बाढ़ में मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए पुलिस और प्रशासन के पास ऐसा कोई इंतजाम नहीं है. यही वजह है कि जोगबनी-फारबिसगंज के बीच मीरगंज पुल के पास बाढ़ में डूबकर मरने वाले आधा दर्जन अज्ञात शवों को पुलिस ने ट्रैक्टर से लाकर पानी में फिंकवा दिया. 
 
 
अमानवीयत और असंवेदनशीलता की हदें पार करतीं ये तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई हैं. इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे मृतकों के शवों का अमानवीय तरीके से निपटारा किया जा रहा है. 
 
 
बताया जा रहा है कि जोगबनी पुलिस की मौजूदगी में लाशों को परमान नदी में फेंका जा रहा है. ट्रैक्टर पर लाशों को लोड कर मीरगंज पुल से नदी में बहाया जा रहा है. इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद से जोगबनी पुलिस के काम-काज के तरीकों पर सवाल उठने लगे हैं. 
 
खबरों की मानें तो फारबिसगंज-जोगबनी इलाके में बाढ़ की वजह से लाशों का अंबार लग गया है. अब तक जोगबनी में 17 लाशें मिल चुकी हैं. इन शवों में 4 शवों की पहचान नेपाल के नागरिक के रूप में हुई हैं. 
 
 
हालांकि, अरररिया के डीएम हिमांशु शर्मा के मुताबिक, अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ का प्रकोप जिस तरह जारी है उससे ये संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही हैं. 
 

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