नई दिल्ली: नॉर्थ एवेन्यू स्थित केंद्रीय विद्यालय में गुरुवार सुबह ग्यारहवीं में पढ़ने वाले एक छात्र की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई. छात्र की उम्र महज 17 साल थी. जानकारी के मुताबिक छात्र स्कूल के असेंबली में हिस्सा ले रहा था कि तभी वो बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा.इस बीच स्कूल प्रशासन आनन-फानन में छात्र को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. छात्र का पोस्टमार्टम करके मौत की असली वजह जानने की कोशिश की जा रही है लेकिन पुलिस का मानना है कि मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है.
गौरतलब है कि दुनियाभर में हर साल करीब 72 लाख लोग हार्ट अटैक की वजह से मारे जाते हैं जिनमें से 50 फीसदी मामले अकेले भारत के हैं. इस तरह देखा जाए तो हर मिनट दुनियाभर में 13 लाख लोग हार्ट अटैक की वजह से मर रहे हैं.
इतनी बड़ी संख्या में लोगों का हार्ट अटैक से मारा जाना चिंता का विषय है. लोगों में हार्ट अटैक को लेकर जागरुक्ता की कमी भी इसकी एक बड़ी वजह है. हमारे देश में कई बीमारियों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन हार्ट अटैक के लिए इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं चलाया जाता. कई लोगों को तो ये भी पता नहीं होता कि उनके शरीर में जो बदलवा हो रहे हैं या जो लक्ष्ण वो महसूस कर रहे हैं वो हार्ट अटैक के लक्षण हैं.
हार्ट अटैक के दौरान जान बचाने के लिए प्राथमिक उपचार कैसे देना है इस बारे में भी लोगों को कोई जानकारी नहीं होती है. इसकी वजह से अधिकतर मामले में अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो जाती है. एक सर्वे में ये भी पता चला था कि हार्ट अटैक के करीब 6 घंटों के बाद मरीज अस्पताल पहुंचता है.