गुजरात दंगों में दोषी ठहराया गया बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी तीन महीने के लंबे ब्रेक के बाद फिर से जेल लौट आया है. अप्रैल में बजरंगी अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल से चेन्नै में आंख दिखाने के लिए परोल पर रिहा हुआ था. तीन महीने की बेल मेडिकल ग्राउंड पर बजरंगी को मिली थी. बजंरगी की सेहत पर डॉक्टरों ने कहा था कि वह अपनी आंखों की रोशनी तेजी से खो रहा है. इसी आधार पर गुजरात हाई कोर्ट ने तय समय के लिए बेल दी थी.
अहमदाबाद. गुजरात दंगों में दोषी ठहराया गया बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी तीन महीने के लंबे ब्रेक के बाद फिर से जेल लौट आया है. अप्रैल में बजरंगी अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल से चेन्नै में आंख दिखाने के लिए परोल पर रिहा हुआ था. तीन महीने की बेल मेडिकल ग्राउंड पर बजरंगी को मिली थी. बजंरगी की सेहत पर डॉक्टरों ने कहा था कि वह अपनी आंखों की रोशनी तेजी से खो रहा है. इसी आधार पर गुजरात हाई कोर्ट ने तय समय के लिए बेल दी थी.
गुजरात दंगों के नरोदा पाटिया नरसंहार में राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 30 लोगों को कोर्ट ने दोषी ठहराया था. 2002 में दंगों की आग में झुलस रहे गुजरात में नरोदा पाटिया में तीन दिनों तक खूनी खेल चला था. बाबू बजरंगी जिसका वास्तविक नाम बाबूभाई पटेल है को आजीवन कैद की सजा मिली थी. बजरंगी के वकील अनिल पटेल ने अपने क्लाइंट को मिली लंबी बेल पर कुछ भी कहने के इनकार कर दिया. इतनी लंबी अवधि की बेल को लेकर खूब आलोचना हो रही थी.
इससे पहले भी बाबू बजरंगी को जेल के कई मौकों पर छुट्टी मिली है. कभी भतीजे की शादी पर तो कभी पिता की तबीयत खराब होने पर बजरंगी को छुट्टी मिली है. पिछले कुछ हफ्तों से बाबू बजरंगी मीडिया से बच रहा था और वह अपने घर पर आराम फरमा रहा था. सूत्रों के मुताबिक यहीं पर डॉक्टर बजरंगी की आंख की जांच करने आते थे. नरोदा पाटिया के पीड़ित परिवारों की लड़ाई लड़ने वाले शमशाद पठान ने कहा कि इनके लिए अंदर और बाहर में कोई फर्क नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन इससे दंगे पीड़ितों को फर्क पड़ता है. वह पीड़ितो को धमकी दे सकता है.
एजेंसी इनपुट भी