जज्बे को सलाम: वायुसेना ने जान की बाजी लगाकर पुल गिरने से घायल बच्चों की बचाई जिंदगी

बीते कल यानी कि 15 अगस्त 2017 को देश आजादी का जश्न मना रहा था, मगर इसी बीच अरुणाचल प्रदेश के हुनली नामक एक छोटे से गांव में एक त्रासद घटना घट गई. दरअसल, स्कूल में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह से स्कूली बच्चे वापस घर लौट रहे थे, तभी पैदल झुला पुल पार करते वक्त पुल टूट गया और स्कूली बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गये.

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जज्बे को सलाम: वायुसेना ने जान की बाजी लगाकर पुल गिरने से घायल बच्चों की बचाई जिंदगी

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  • August 16, 2017 2:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
ईटानगर: बीते कल यानी कि 15 अगस्त 2017 को देश आजादी का जश्न मना रहा था, मगर इसी बीच अरुणाचल प्रदेश के हुनली नामक एक छोटे से गांव में एक त्रासद घटना घट गई. दरअसल, स्कूल में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह से स्कूली बच्चे वापस घर लौट रहे थे, तभी पैदल झुला पुल पार करते वक्त पुल टूट गया और स्कूली बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गये. 
 
मगर वायुसेना के जांबाज सिपाहियों ने खराब मौसम का सामना करते हुए इस हादसे में फंसे सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल कर एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है. बताया जा रहा है कि इस हादसे में काफी बच्चे घायल हो गये हैं, मगर सबको सुरक्षित तरीके से वायुसेना ने रेस्क्यू कर लिया है. 
 
 
जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, वैसे ही बच्चों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने वायुसेना की मदद मांगी. जिला प्रशासन ने मोहनबारी में एयर फोर्स स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन एस जे पेंडसे से अनुरोध किया कि क्या बच्चों को बचाने के लिए रेस्क्यू मिशन चलाया जा सकता है? इसके बाद इस इलाके में लगातार बारिश और खराब मौसम के बावजूद भी इंडियन एयरफोर्स जल्द ही मौके पर पहुंच गई. 
 
 
वायुसेना की 127 हेलीकॉप्टर की यूनिट से एक MI-17 हेलीकॉप्टर को कप्तान के विनोए, पायलट एन दागुर, इंजीनियर एस यादव और गनर राजवीर इस बचाव कार्य के लिए भेजा गया. खास बात ये है कि इस संकट संदेश पाने के महज डेढ़ घंटे के भीतर ही वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने हुनली के उड़ान भर दी. 
 
 
खराब मौसम और अत्यंत दुर्लभ इलाके से तालमेल बैठाते हुए हेलीकॉप्टर किसी तरह घाटी में उतारा गया और बच्चों को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान में लाया गया. बताया जा रहा है कि घायल बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है. बच्चों के माता-पिता हेलीपैड के करीब तब तक डंटे रहें, जब तक उनके बच्चे रेस्क्यू नहीं कर लिये गये. खराब मौसम के कारण फ्लाइट की वापसी भी काफी मुश्किल थी. 
 
 
खास बात ये है कि इस दुर्गम इलाके में व्यापक उड़ान अनुभव का इस्तेमाल करते हुए 127 हेलीकाप्टर यूनिट के वायु दल ने स्कूली बच्चों को सही समय पर सुरक्षित तरीके से निकाल कर इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. जिस तरह से वायुसेना के जांबाजों ने इस मिशन को अंजाम दिया है इसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा. 
 

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