पटना : बिहार में भारी बारिश की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. तेज बारिश की वजह से राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है. पिछले कई दिनों से बिहार के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया.
इससे पहले नीतीश कुमार ने बाढ़ की स्थिति से पीएम मोदी को अवगत कराते हुए मदद की गुहार लगाई है. वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटो तक बिहार के सभी जिलों में भारी से भारी बारिश होने की संभावना जताई है. विभाग ने सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
नीतीश कुमार ने कहा है कि राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं. हमने भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मांग की थी और उनके जरिए खाद्य सामग्री बांटी जा रही है. NDRF, SDRF की टीमें पहले से ही सितामणी, मधुबनी और चंपारण में राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं.
बता दें कि बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया के दर्जनों गांव बाढ़ में डूब गए हैं. वहीं भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर बांध भी टूट चुके हैं. बारसोई अनुमंडल में झौआ गुठेली बांध एवं कदवा का शिवगंज में बांध टूट गया. वहीं बारसोई में कई गांव भी जलमग्न हो गए हैं. सीतामढ़ी में भी सभी नदियां उफान पर हैं. यहां बैरगनिया में बागमती का बांध टूट गया. बाजापट्टी में भी अधवारा नदी का बांध टूट चुका है.
बिहार में महानंदा, गंगा और कोसी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हालात को देखते हुए सेना और NDRF बुला ली गई है. दरभंगा में भी बाढ़ से रिहायशी इलाके तालाब जैसे नजर आने लगे हैं. घरों के साथ पुलिस थानों में भी पानी भर गया है.
कमला नदी के तटबंध में पानी के रिसाव को रोकने की कोशिश नाकाम हो गई है. माना जा रहा है कोसी अभी और रौद्र रूप दिखा सकती है. नेपाल के तराई इलाकों में भारी बारिश के बाद गंडक बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसके बाद नरकटियागंज में बाढ़ आ गई.