पटना: महागठबंधन टूटने के बाद पार्टी से नाराज चल रहे जेडीयू नेता शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया गया है. जेडीयू के सात राज्यसभा और दो लोकसभा सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने शनिवार सुबह उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर पार्टी की ओर से पत्र सौंपा. पत्र में कहा गया कि पार्टी ने शरद यादव की जगह राज्यसभा में आरसीपी सिंह को नेता बनाने का फैसला किया है. इस तरह शरद यादव की राज्यसभा में नेता पद से छुट्टी हो गई.
शरद यादव इस वक्त नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने और महागठबंधन टूटने पर जनता की राय जानने के लिए बिहार दौरे पर हैं. कहा जा रहा है कि इस दौरे के बाद शरद यादव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होगें और अपना पक्ष रखेंगे.
नीतीश कुमार ने 11 करोड़ लोगों का विश्वास तोड़ा: शरद यादव
गौरतलब है कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष रह चुके शरद यादव खुले मंच से कह चुके हैं कि महागठबंधन तोड़ने का नीतीश कुमार का फैसला गलत था. उन्होंने ये भी कहा था कि महागठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार ने 11 करोड़ लोगों का विश्वास तोड़ा है.
महागठबंधन टूटने के बाद से जिस तरह शरद यादव के बगावती सूर उठ रहे हैं उसे देखते हुए पहले ही अंदाजा लगाया जा रहा था कि पार्टी उनके खिलाफ कड़ा कदम उठाएगी. ये भी कहा जा रहा है कि जनता के बीच जाने के फैसले को लेकर भी शरद यादव ने पार्टी को कोई जानकारी नहीं दी थी जिससे पार्टी उनसे और नाराज हो गई.
इसके अलावा शरद यादव बिहार में खुलेआम महागठबंधन तोड़ने के फैसले को नीतीश कुमार की भूल बता रहे हैं जिसकी वजह से पार्टी उनसे बेहद नाराज है. माना जा रहा है कि शरद यादव के तेवर यदि यूं ही रहे तो पार्टी उनपर और कड़ी कार्रवाई कर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकती है.