श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज श्रीनगर अपने आवास पर राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री और नेशनल कॉन्फेंस के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला के साथ बैठक की. यह बैठक श्रीनगर सीएम आवास पर रखी गई थी, जिसमें राज्य के वर्तमान राजनीतिक परिस्थियों पर चर्चा हुई.
इसके साथ-साथ संविधान की धारा 35 ए की धारा के बारे में भी चर्चा हुई. जिस पर फारुक अब्दुल्ला ने सीएम महबूबा को सुझाव देते हुए कहा कि सीएम को इस मामले में अन्य पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करनी चाहिए जिससे की 35 ए की धारा को भंग होने से बचाया जा सके. बता दें कि नेशनल कॉन्फेंस ने पहले ही साफ कर चुका है कि वो धारा 35ए को हटाने के खिलाफ पूरे राज्य में 14 अगस्त से जागरूगता अभियान शुरू करेगा. अगर यह धारा भंग हुई तो कश्मीर, लद्दाख व जम्मू पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
यह है धारा 35ए
14 मई 1954 को भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35 ए जोड़ा गया. जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को ये अधिकार मिला है कि वो तय करे कि राज्य का स्थायी नागरिक कौन है और उसे क्या-क्या सुविधा और अधिकार मिलेंगे. अनुच्छेद के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से बाहर का कोई भी व्यक्ति न तो जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरी कर सकता है, न ही भूमि, मकान आदि जैसी संपत्ति खरीद सकता है.
क्यों चर्चा में है यह धारा
असल में इस धार के खिलाफ We the Citizen ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए तीन जजों वाली एक बेंच का गठन कर दिया है. अगस्त के आखिर में सुप्रीम कोर्ट 35ए के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. अब इसके सुनवाई की तारीख नजदीक आ रही है ऐसे में जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों में हलचलें तेज होने शुरू हो गई है.
कुछ महिला संगठन 35 ए के खिलाफ हैं
कुछ महिला संगठन 35 ए के खिलाफ हैं क्योंकि अगर वो ऐसे लड़के से शादी करती हैं जो राज्य का स्थायी नागरिक नहीं है तो उनके बच्चे को राज्य की स्थायी नागरिकता नहीं मिलती. जबकि अगर लड़के ऐसी लड़की से शादी करें जो स्थायी नागरिक ना हो तो भी उनके बच्चे को स्थायी नागरिकता मिलती है.