हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला की कार चेजिंग छेड़छाड़ से चंडीगढ़ पुलिस द्वारा बचाई गईं डीजे वर्निका कुंडु के पिता और हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीरेंद्र कुंडु ने कहा है कि अगर उनके जैसे लोग भी क्रिमिनल्स के खिलाफ नहीं खड़ा होंगे तो फिर देश में कोई नहीं होगा.
चंडीगढ़. हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला की कार चेजिंग छेड़छाड़ से चंडीगढ़ पुलिस द्वारा बचाई गईं डीजे वर्निका कुंडु के पिता और हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीरेंद्र कुंडु ने कहा है कि अगर उनके जैसे लोग भी क्रिमिनल्स के खिलाफ नहीं खड़ा होंगे तो फिर देश में कोई नहीं होगा.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीरेंद्र कुंडु की बेटी वर्निका की कार का शुक्रवार की देर रात चंडीगढ़ में विकास बराला और उसके एक साथी ने काफी देर तक पीछा किया था और बार-बार कार को रोककर वर्निका तक पहुंचने की कोशिश की. पुलिस ने दोनों लड़कों को गिरफ्तार किया था लेकिन शुक्रवार की शाम में विकास बराला के जमानत पर छूटने की खबर आई.
इस घटना को लेकर वर्निका और उनके पापा वीरेंद्र कुंडु दोनों ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अलग-अलग एक पोस्ट लिखा. फेसबुक पर ये दोनों पोस्ट लगातार शेयर हो रहे हैं और नए लोगों तक पहुंच रहे हैं.
उन्होंने शुरुआत में वर्निका के साथ हुई वारदात का जिक्र किया और चंडीगढ़ पुलिस के तुरंत एक्शन लेने से उनके सेफ बचने की तारीफ की. वर्निका के साथ हुई वारदात आप वर्निका के फेसबुक पोस्ट पर बनाई गई इस खबर से जान सकते हैं.
नीचे वर्निका के पिता वीरेंद्र कुंडु के अंग्रेजी में लिखे फेसबुक पोस्ट का हिन्दी में संपादित अंश उनके ही शब्दों में पढ़ें. वर्निका के साथ घटित घटना का डिटेल देने वाला अंश हटा लिया गया है.
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“शुक्रगुजार हूं कि बेटी सुरक्षित घर लौट आई. गुंडों की मंशा उसे अगवा करने की थी जिससे वो साहस और प्रेजेंस ऑफ माइंड से बच निकली. लेकिन सदमा से उबरने में उसे वक्त लगेगा. दो बेटियों का पिता होने के नाते मैं इस मामले को नतीजे तक ले जाने की जवाबदेही समझता हूं.
कानून को काम करना चाहिए और गुंडों को सजा जरूर मिलनी चाहिए. अनुमान के मुताबिक गुंडे प्रभावशाली परिवार से ही निकले. हम सब जानते हैं कि इस तरह के मामलों में लोग या तो बच जाते हैं या वो मामले ही सामने नहीं आ पाते. ज्यादातर लोग प्रभावशाली परिवार के गुंडों से भिड़ना नहीं चाहते.
मुझे लगता है कि मेरी तरह कुछ प्रिविलेज वाले लोग भी इन क्रिमिनल्स के खिलाफ खड़े नहीं होंगे तो फिर इंडिया में कोई नहीं खड़ा होगा. उससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि एक पिता के तौर पर मैं अपनी बेटी की जवाबदेही निभाने में फेल हो जाऊंगा.
मैं इसे आप लोगों के साथ दो वजह से शेयर कर रहा हूं. एक- क्या हुआ वो बात सही रूप से सामने आए. दूसरा- ये भरोसा मिले कि जरूरत पड़ी तो आप मदद करेंगे. हमारी मंशा साफ है कि जो दोषी है, उसे सजा मिले. उसके परिवार या रिश्तेदारों को कोई नुकसान ना पहुंचे.
हम जानते हैं कि ये लड़ाई आसान नहीं है. केस करने की वजह से हमें परेशान करने, धमकाने या नुकसान पहुंचाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. प्रभावशाली परिवार शिकायत करने वालों को कमजोर करने या बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. मेरे मित्र मुझे इस केस के खिलाफ समझा सकते हैं लेकिन हम दुस्साहसी हो सकते हैं.
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