पटना: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए 50 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को जबरन रिटायरमेंट दिलाया जाएगा. इसके साथ-साथ स्कूलों में ई लर्निंग की सहायता से बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने इंडिया न्यूज/इनखबर से बातचीत में बताया कि 10वीं और 12वीं में खराब परफॉर्मेंस देने वाले स्कूलों पर अगले एक महीने के भीतर कार्रवाई की जाएगी.
खासकर उस स्कूल के हेडमास्टर और शिक्षा पदाधिकारी कार्रवाई के घेरे में रहेंगे. ऐसे स्कूलों में 50 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को रिटायरमेंट दिलाया जाएगा. साथ में शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में तालमेल बैठाने के लिए शहर शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों में भी भेजा जाएगा. जिन स्कूलों में अध्यापकों की कमी हैं वहां गेस्ट टीचर की सहायता ली जाएगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में अब गांधी जी के विचारों के बारे में पढ़ाई होगी. उन्होंने कहा कि बिहार में प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों का वेतन पहले से ज्यादा हो गया है. पहले इन शिक्षकों के वेतन के लिए 3 हजार करोड़ का बजट था जो अब बढ़कर 7800 करोड़ कर दिया गया है.
जल्द शुरू होगी ई-लर्निंग व्यवस्था
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने और अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ई-लर्निंग के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के तैयारी में है. इसके तहत कक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड और प्रोजेक्टर लगाकर वीडियो के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाएगा.