पटना : बिहार के बड़े अस्पताल ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानी IGIMS में नौकरी करने वालों को अब यह नहीं बताना पड़ेगा कि वो वर्जिन हैं या नहीं. वर्जिन शब्द पर हो रहे विवादों के मद्देनजर अब अस्पताल ने मैरिटल स्टेटस बताने के फॉर्म से वर्जिन शब्द हटाते हुए नया फॉर्म जारी कर दिया है.
नए मैरिटल स्टेटस के फॉर्म में अब मैरिड, विधवा और अनमैरिड शब्द डाले गए हैं. पहले इस अस्पताल में नौकरी करने वालों को ज्वॉइनिंग के वक्त भरे जाने वाले वैवाहिक घोषणापत्र में ये बताना पड़ता था कि वो वर्जिन हैं या नहीं. बुधवार को इस घोषणापत्र को लेकर काफी विवाद चला, जिसके बाद अब अस्पताल ने बढ़ते विवाद को ध्यान में रखते हुए घोषणापत्र से वर्जिन शब्द ही हटा लिया.
बता दें कि IGIMS अस्पताल में पिछले 35 साल से ऐसा चलता आ रहा था. वहां काम करने वालों से ज्वॉइनिंग से पहले वैवाहिक घोषणापत्र में पूछा जाता था कि आप बैचलर हैं, विधवा या विधुर हैं या वर्जिन हैं.
हालांकि नए फॉर्म में पुराने घोषणापत्र की सभी बातें नहीं हटाई गई हैं. पुराने फॉर्म में भी स्टाफ से पूछा जाता था कि वो शादीशुदा है और उसकी एकमात्र पत्नी जिंदा है. यही विकल्प नए फॉर्म में भी दिया गया है.
वर्जिन शब्द पर बढ़ते विवाद के बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने एक और विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि फॉर्म में वर्जिन शब्द का इस्तेमाल कोई गलत नहीं है. उन्होंने कहा था कि वर्जिन शब्द का मतलब सिर्फ अविवाहित होने से है और घोषणापत्र में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लिखा गया है.
बता दें कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान बिहार के बड़े अस्पतालों में एक है जहां राज्य के कोने-कोने से मरीज इलाज के लिए आते हैं. संस्थान के मेडिकल कॉलेज में हर साल एमबीबीएस के 100, पीजी के 17 और नर्सिंग के 40 स्टुडेंट्स दाखिला लेते हैं जो इसके अस्पताल में ट्रेन होते हैं.