नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने लड़कियों के साथ इस भेदभाव को लेकर हिन्दू कॉलेज को नोटिस जारी करके प्रिंसिपल को 2 अगस्त को पेश होने कहा था. कॉलेज की कार्यकारी प्रिंसिपल अंजु श्रीवास्तव के जवाब के साथ कॉलेज की बर्सर रीना जैन महिला आयोग गईं.
कॉलेज ने आयोग को जो जवाब दिया है उसके मुताबिक लड़कों के हॉस्टल के लिए यूजीसी से अनुदान यानी ग्रांट मिलता है जबकि लड़कियों के हॉस्टल के लिए ग्रांट नहीं आता है इसलिए लड़का और लड़की के हॉस्टल फीस में अंतर है.
हिंदू कॉलेज की बर्सर आयोग के समक्ष पेश हुई, उन्होंने कहा की यूजीसी से ग्रांट न मिलने की वजह से लड़के-लडकियों होस्टल की फीस में असमानता है. इसलिए लड़को के हॉस्टल की फीस है 30,900 और लड़कियों के हॉस्टल की फीस है 61,000.
हॉस्टल फीस के मसले पर डीसीडब्ल्यू चीफ एजुकेशन मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर और यूजीसी चेयरपर्सन से मिलने का समय मांगा. कॉलेज की कार्यकारी प्रिंसिपल अंजु श्रीवास्तव ने कहा कि लड़कियों को ग्रांट न मिलने की वजह से लड़कियों से हॉस्टल की फीस 61 हजार रुपए ली जा रही है. जिसमें से 4 हजार रुपए रिफंडेबल है.
जबकि लड़कों से 30,900 रुपए हॉस्टल फीस ली जा रही है. जिसमे 4 हज़ार रुपए रिफंडएबल है. यूजीसी से जो 60 लाख रुपए ग्रांट मिलती है. उस हिसाब से हॉस्टल में रहने वाले हर लड़के को हर साल 30 हजार रुपए हॉस्टल फीस पर सब्सिडी मिल जाती है. कॉलेज ने फीस में अन्तर होने का यही कारण दिया है.
इसके अलावा हिंदू कालेज प्रबंधन ने दिल्ली महिला आयोग को बताया है कि लड़को व लड़कियों के हॉस्टल की टाइमिंग अब एक समान कर दी गई है. इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का कहना है कि वे लड़कियों के हॉस्टल की फीस में भारी अंतर के मुद्दे पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर से मिलने का समय मांगा है.
इसके साथ-साथ यूजीसी के चेयरपर्सन सेभी मीटिंग कर इस मसले का हल ढूंढेंगी. उन्होंने कहा की किसी भी हाल में लड़कियों के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बेटी बचाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि लडकियों के खिलाफ कोई भेदभाव न हो.