पटना. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शपथ लेने के बाद दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू यादव पर हमला बोला है. नीतीश कुमार ने लालू यादव पर पलटवार करते हुए ये आरोप लगाया कि प्रशासनिक कामकाज में राजद का दखल था.
नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई देते हुए कहा कि देश भर के मीडिया में भ्रष्टाचार को लेकर बिहार की चर्चा होने लगी थी. बिहार के साथ-साथ देश की जनता भी जबाब मांग रही थी, मगर लालू यादव ने अपने और परिवार पर लगे आरोपों पर साफाई नहीं दी.
नीतीश ने कहा कि भ्रष्टाचार पर समझौता नहीं किया जा सकता. मेरे सामने दूसरा विकल्प नहीं था. हमने शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया है. हमने इसके लिए सख्त कानून भी लाए हैं. यही वजह है कि गठबंधन से हमें अलग होना पड़ा.
नीतीश ने कहा कि हम अपने नीतियों और सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते. हमारी पार्टी के मीटिंग में ही इस बात का फैसला हो गया कि हम इनकी नीतियों के साथ काम नहीं कर सकते. हम महागठबंधन में रहते हुए काफी कुछ सहे.
नीतीश ने लालू पर हमला बोलते हुए कहा कि महागठबंधन तोड़ने की वजह खुद लालू प्रसाद थे. यही वजह है कि उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था बीजेपी के नये सहयोगी बनने के लिए बधाई. हालांकि, उन्होंने 40 मिनट के भीतर ही उस ट्वीट का क्लेरिफिकेशन दे दिया. मगर बात वहीं नहीं रूकी और उसी वक्त जनता में ठोस मैसेज चला गया.
नीतीश ने कहा कि लालू यादव के घर जब छापे पड़े तो इसके लिए मुझे जिम्मेवार ठहराया गया. मगर मैं उस दिन स्वास्थय लाभ के लिए राजगीर था. सभी जानते हैं कि राजगीर से मेरा भावनात्मक लगाव रहा है. आरोपों के बाद से मुझ पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. मैंने कहा था कि मुझे आपकी संपत्ति और कंपनी की जानकारी नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने लालू यादव से आरोपों पर सफाई देने को कहा था, मगर उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी. अगर आरोपों पर सफाई दे देते तो जनता के बीच चीजें स्पष्ट हो जातीं. छापों को लेकर लालू जी से कई बार बात हुई. मैंने आरोपों पर तथ्यों के साथ सफाई देने को कहा था.
इस महागठबंधन के सरकार में मैंने क्या नहीं सहा. मेरे उपर कई तरह की बयानबाजियां होती थीं. मेरे ऊपर कई तरह के आरोप लगे. महागठबंधन चलाने में कई परेशानियां आई. मगर जब मेरी पार्टी ने ये फैसला लिया कि अब इनके साथ सरकार नहीं चला सकते तो हमने अलग होने का निर्णय ले लिया.