पटना: 24 घंटों के भीतर इस्तीफा देकर दोबारा सीएम पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार के लिए ऑल गुड़ वाली स्थिति अब भी नहीं आई है. कल यानी शुक्रवार से बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है और पहले ही दिन उन्हें फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित करना है.
बीजेपी के समर्थन के बाद नीतीश भले ही रिलैक्स नजर आ रहे हों लेकिन भीतर ही भीतर उन्हें चिंता भी सता रही होगी खबर है कि उन्ही की पार्टी के कुछ नेता उनके इस फैसले से खुश नहीं है. इन नेताओं में अली अनवर और शरद यादव खास तौर पर शामिल हैं.
शरद यादव आज नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में भी शामिल नहीं हुए. ऐसे में आशंका है कि नीतीश कुमार का दाव उल्टा भी पड़ सकता है क्योंकि जानकारी के मुताबिक जेडीयू के 16 विधायक जिनमें 5 मुस्लिम और 11 यादव विधायक शामिल हैं, वो नीतीश कुमार के फैसले से खुश नही हैं.
विधानसभा की 243 विधानसभा सीटे हैं और बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है. आरजेडी के पास 71 विधायक हैं और बीजेपी के 53 विधायक मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लेते हैं. लेकिन पार्टी के 5 मुस्लिम और 11 यादव यानी कुल 16 विधायक शुक्रवार को सदन नहीं पहुंचते हैं तो नीतीश कुमार बहुमत साबित करने में अटक सकते हैं.
अगर ऐसा होता है तो लालू प्रसाद यादव के लिए ये मुंह मांगा वरदान साबित होगा क्योंकि राज्यपाल फिर लालू प्रसाद यादव की पार्टी को बहुमत साबित करने का न्यौता देंगे और ये उनके लिए सत्ता में वापसी करने का सुनहरा अवसर होगा.
हालंकि इसकी संभावना कम है क्योंकि ऐसा होता है तो सबसे पहले बागी विधायकों की विधायकी जाएगी. इसके अलावा दलबदल कानून भी बागी विधायकों के लिए मुश्किलें पैदा करेगा.