अब अहमदाबाद में भी बरपा बारिश का कहर, जन-जीवन प्रभावित

एक ओर जहां गुजरात में लोगों को आज बारिश से कुछ राहत मिलती दिखाई दी तो वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद में कल देर रात से भारी बारिश हो रही है.

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अब अहमदाबाद में भी बरपा बारिश का कहर, जन-जीवन प्रभावित

Admin

  • July 27, 2017 3:51 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
अहमदाबाद : एक ओर जहां गुजरात में लोगों को आज बारिश से कुछ राहत मिलती दिखाई दी तो वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद में कल देर रात से भारी बारिश हो रही है. गुजरात के बाद अब अहमदाबाद में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. शहर के अधिकांश इलाके पानी में है, शहर का हर अंडर पास बंद है. जन जीवन अस्त व्यस्त है. 
 
अहमदाबाद के घटलोडिया, चाँदलोडिया, नारणपुरा, सोलरोड, वाडज, नवरंगपूरा, राणिप, वेजलपुर, जीवराज पार्क, जुहापुरा, निकोल, इलाकों में पानी भरा गया है. अखबरनागर अंडर पास, दक्षिणी अंडर पास को भी बंध कर दिया गया है. 
 
 
लोगों को वाहन निकलने में मुश्किल हो रही है, एयर पोर्ट पानी में लबालब है. शहर का कोई भी इलाका हो लोगों के घरों में पानी भरने लगा है. पूरा शहर बारिश के कारण थम सा गया है. पूर्वी अहमदाबाद का सबसे बुरा हाल है, बापूनगर ,हाटकेश्वर, नारोल ,नरोडा, धरनीधर ,मेमनगर लगभग सभी जगह पानी ने लोगों के हालात बिगाडे हुए हैं. कई इलाके तो ऐसे हो गए हे जहां रेस्क्यू ओपरेशन करना पड़ेगा शहर में और अब भी बारिश जारी है.
 
 
बनासकांठा के बाद सबसे अधिक तबाही पाटन जिले में हुई है. चार दिन से हो रही बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है, सड़के टूट गई हैं, खेत खलिहान पानी मे डूब गए हैं. तीन दिनों तक लोग घर की छत पर रहे लेकिन आज लोगों ने राहत की सांस ली है. आज उत्तर गुजरात के लिए दिन राहत भरा रहा यहां आज बारिश ने विराम लिया है.
 
 
पाटन जिले में हारिज के पास रामनगर के एक गांव जो तबाह हो चुका है वहां आज तीन दिन के बाद गांव में चौराहे पर गांव के लोग एकत्रित हैं, बता दें कि अभी तक प्रशासन से कोई मदद नहीं पहुंच पाई है. लोगों के पास पहनने को कपड़े नहीं है सब कुछ बह गया है. पड़ोस के गांव में लोग रोटिया एकत्रित करके पड़ोस के गांव तक पहुंचा रहे हैं. 
 
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चौबीस घंटे व्यस्त रहने वाला मार्ग सुनसान है काण्डला राधनपुर का महेसाणा डीसा से संपर्क कटा हुआ है खबर मिली कि गुचनाद के आगे कई गांव आज भी पानी मे डूबे हुए हैं. सैकड़ों किलोमीटर तक पानी ही पानी नजर आ रहा है लोगों को ऐसा लग रहा है कि मानो समंदर के किनारे घूम रहे हो.
 
सेना की गाड़ियां पहली बार दिखी लेकिन पहुंचने में असमर्थ थी गुचनाद से आगे कई गांव अभी जलमग्न है. बिस्मिल्लाबाद,बाबरी,चदर्णी, जाखेल,रामपुरा हरिपुरा अड़गांव जैसे गांव आज भी पानी मे डूबे हुए प्रशासन के तमाम दावों की यहां सीमा समाप्त हो जाती है.
 
 
राज्य सरकार ने बाढ़ से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की और साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख की राहत राशि देने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है. बता दें कि मरने वालों के परिजनों को कुल 6 लाख की सहायता राशि दी जाएगी. प्रशासन ने अधिकांश इलाकों तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई सेना के 20 हेलीकाप्टरों की मदद से 15 टन राहत सामग्री पहुंचाई. 
 
बनासकांठा जिले में आज 18 शव बरामद हुए, कई गांवों में लोग अब भी लापता हैं. हजारों पशुओं की मौत हुई है महामारी न फैले इसके लिए प्रशासन ने अलग-अलग जगह के लिए मेडिकल टीमें बनाई हैं. कल का दिन कम से कम राहत की उम्मीद लेकर आएगा जन जीवन सामान्य होने लगेगा जिंदगी पटरी पर लौटने लगेगी. बाढ़ से हुई बर्बादी और नुकसान के घाव भरने में अभी लंबा वक्त लगेगा.
 

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