अंधकार में बच्चों का भविष्य, कहीं टीचर नदारत तो कहीं व्यवस्था

शिक्षा मनुष्य की जिंदगी में कितनी अहमियत रखती है इससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बेहद खराब है. प्रदेश के कई इलाकों में स्कूल तो हैं लेकिन वहां शिक्षक नहीं, जहां शिक्षक हैं वहां पढ़ने लायक व्यवस्था नहीं है.

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अंधकार में बच्चों का भविष्य, कहीं टीचर नदारत तो कहीं व्यवस्था

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  • July 21, 2017 6:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
गोरखपुर: शिक्षा मनुष्य की जिंदगी में कितनी अहमियत रखती है इससे हर कोई वाकिफ है, लेकिन उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बेहद खराब है. प्रदेश के कई इलाकों में स्कूल तो हैं लेकिन वहां शिक्षक नहीं, जहां शिक्षक हैं वहां पढ़ने लायक व्यवस्था नहीं है.
 
मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर, बस्ती और सिद्धार्थनगर में स्कूलों का खस्ता हालत बच्चों के पढ़ाई में रोड़ा बनता जा रहा है. बस्ती में स्कूल तो है पर स्कूल के गेट पर ताले लगे रहते है जिसके वजह से बच्चों के संख्या में कमी रहती है. यहां बच्चे रोजाना आते है और गेट पर ताला लटका देख वापस लौट जाते है. स्कूल के प्रिंसिपल पर आरोप है कि वो बिना बताए छुट्टी पर रहते हैं. 
 
सरकरा ने शिक्षा के नाम पर लाखों की बिल्डिंग तैयार करवा दी लेकिन जब प्रिंसिपल साहब ही स्कूल से नदारद रहेंगे तो कैसे पढ़ाई होगी ? गोरखुर का हाल भी कुछ ऐसा ही है, यहां कूड़े के ढेर पर स्कूल है या स्कूल पर कूड़े के ढेर समझ से परे है.यही बजह है कि इस स्कूल माता-पिता अपने बच्चों को इस स्कूल में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं.सिद्धार्थनगर का हालात भी कुछ ऐसा ही है.
 
बता दें कि गोरखपुर सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जिला है, अगर सीएम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था की ऐसी हालत है तो सूबे की शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा आप लगा सकते हैं.   

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