पुणे: सीबीआई ने बैंक फ्रॉड केस में आज बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पुणे सिटी जोन के पूर्व जोनल हेड और गुजरात के सूरत बेस्ड प्राइवेट लॉजिस्टिक कंपनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कुछ अधिकारियों की शिकायत के बाद सूरत बेस्ड इस प्राइवेट लॉजिस्टिक कंपनी के साथ-साथ 10 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
बैंक ऑफिसियल का आरोप है कि साल 2012-14 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने प्राइवेट लॉजिस्टिक कंपनी को ‘चालक से मालक’ स्कीम के तहत कंपनी के 2802 ड्राइवरों को ट्रक खरीदने के लिए लोन पास किया था. बैंक ऑफिसियल का आरोप है कि गिरफ्तार बैंक और कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से बैंक ऑफ महाराष्ट्र को लगभग 836 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
लोन पास होने से पहले बैंक अधिकारियों ने ड्राइवरों की बिना जांच पड़ताल किए ही फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर लोन पास कर दिया था. लोन पास करने के दौरान जोनल हेड ने बैंक की गाइड लाइन का भी ध्यान नहीं रखा है.
सीबीआई ने बैंक अधिकारी के अलावा जिस डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है वही कंपनी का एकाउंट ऑपरेट करता है. सीबीआई ने गिरफ्तार बैंक अधिकारी के पुणे स्थित घर पर भी छापेमारी की. इस दौरान सीबीआई को इलेक्ट्रॉनिक गजट, एलआईसी पॉलिसी के पेपर और दो बैंक लॉकर की चाभी के साथ अन्य पेपर मिले हैं.