तलाक! तलाक! तलाक! सुनने में तो किसी फिल्मी डायलॉग से कम नहीं लगता, लेकिन जिसपे गुजरे उसकी जिंदगी किसी नरक से कम नहीं होती. लोग कहते है कि लड़की अब लड़के से कम नहीं है लेकिन जैसलमेर में एक विवाहिता अपनी बेटी के साथ दर-दर की ठोकरे खा रही है.
जयपुर: तलाक! तलाक! तलाक! सुनने में तो किसी फिल्मी डायलॉग से कम नहीं लगता, लेकिन जिसपे गुजरे उसकी जिंदगी किसी नरक से कम नहीं होती. लोग कहते है कि लड़की अब लड़के से कम नहीं है लेकिन जैसलमेर में एक विवाहिता अपनी बेटी के साथ दर-दर की ठोकरे खा रही है. उस विवाहिता का गुनाह सिर्फ इतना है कि उसने एक बच्ची को जन्म दिया था, इसलिए शौहर ने फोन पर ही तलाक! तलाक! तलाक! का फरमान सुना दिया और हमेशा के लिए बीवी और मासूम बच्ची को बीच सफर में छोड़ गया.
जानकारी के मुताबिक नगीना की शादी तीन साल पहले जोधपुर के रहने वाले अब्दुल गफ्फार के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही दोनों में विवाद चल रहा था. जिसके बाद नगीना ने प्रतापनगर थाने में मारपीट का मामला भी दर्ज करवाया था. दोनों के बीच समझौता भी हुआ लेकिन कुछ समय के बाद अब्दुल फिर मारपीट करने लगा. इसी बीच नगीना ने एक बच्ची को जन्म दिया जिससे उसका पति इतना आग बबुला हुआ कि उसने नगीना को तलाक दे दिया.
नगीना अब पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक इंसाफ की गुहार लगा रही है. गौरतलब है कि तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है. कई मुस्लिम महिलाएं ट्रिपल तलाक को लेकर मुहीम भी चला रही हैं.
पढ़ें- उन बच्चों की कस्टडी पर कानून बने जिनके तलाकशुदा पैरेंट्स अलग देश में रहते हैं: CJI खेहर