विदिशा : वैसे तो सरकार ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की तमाम कोशिशें कर रही है, लेकिन हकीकत तो ये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार हैं. जिससे ना तो ग्रामीणों को बेहतर इलाज मिल पा रहा है और ना ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं ही मिल पा रही हैं.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा का भी कुछ ऐसा ही हाल है. विदिशा के कोलुआ धामनोर के स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है. स्वास्थ्य केंद्र अब खंडहर बन चुका है. यहां आवारा मवेशियों ने अपना ठिकाना बना लिया है.
इस स्वास्थ्य केंद्र में ना तो कोई नर्स है और ना ही कोई डॉक्टर है. ग्रामीणों का कहना है कि महीने में केवल एक बार ही टीकाकरण के लिए डॉक्टर्स आते हैं और बाकी समय यहां सन्नाटा पसरा रहता है.
जिले के दूसरे गांव के स्वास्थ्य केंद्र का हाल भी कुछ ज्यादा अच्छा नहीं है. इमलावता गांव के स्वास्थ्य केंद्र में शायद ही आज तक किसी मरीज का इलाज हुआ होगा. खुद सीएमएचओ भी इस बात को मानते हैं कि पर्याप्त स्टाफ ना होने के कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.