पटना: बिहार की राजनीति में किसी भी वक्त सियासी भूचाल आ सकता है. रेलवे टेंडर घोटाले में तेजस्वी यादव नाम आने के बाद से आरजेडी और जेडीयू के बीच मतभेद खुलकर नजर आने लगे हैं. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के पद को छोड़ने को तैयार नहीं हैं ऐसे में जेडीयू के पास उन्हें हटाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता.
जेडीयू अगर इस मामले को गोल-मोल कर जाती है तो सीएम नीतीश कुमार की साख को गहरा धक्का लगेगा. बिहार में नीतीश की छवि अबतक बेदाग मुख्यमंत्री की रही है. नीतीश की छवि की वजह से ही उन्हें सुशासन बाबू कहा जाता है जिसे जाहिर तौर पर जेडीयू बिलकुल बदलना नहीं चाहेगी.
जेडीयू के पास क्या है विकल्प?
– यदि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने पद से अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो नीतीश कुमार उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं. ऐसे में आरजेडी के भी सभी 12 मंत्री नीतीश मंत्रीमंडल से इस्तीफा देंगे.
– दूसरा विकल्प ये है कि जेडीयू आरजेडी से उनकी पार्टी से कोई दूसरा उम्मीदार डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव रखे.
– तीसरा विकल्प ये है कि जेडीयू महागठबंधन तोड़ दे और बीजेपी के बाहरी समर्थन से सरकार चलाती रहे.