पटना: जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद गरमाता जा रहा है. रेलवे टेंडर घोटाले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम सामने आने के बाद जेडीयू ने आरजेडी को सफाई देने के लिए चार दिन का समय दिया था जिसकी मियाद आज खत्म हो रही है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के पास तेजस्वी यादव को हटाने के सिवाय कोई और विकल्प मौजूद नहीं है क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनकी खुद की छवि खराब होती है जिसे जेडीयू कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.
जेडीयू चाहती है कि तेजस्वी खुद अपने पद से इस्तीफा दे दें लेकिन तेजस्वी साफ-साफ मना कर चुके हैं कि वो अपने पद से नहीं हटेंगे. ऐसे में नीतीश सरकार के खिलाफ अगला और आखिरी विकल्प ये है कि वो तेजस्वी यादव को बर्खास्त कर दें.
अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन टूट जाएगा जिसका सबसे ज्यादा नुकसान आरजेडी को होगा क्योंकि बीजेपी पहले ही नीतीश कुमार की सरकार को बाहर से समर्थन देन का एलान कर चुकी है. वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की छवि एक इमानदार नेता की रही है. ऐसे में अगर वो गठबंधन तोड़ते हैं तो छवि एक ऐसे नेता के रूप में बनेगी जिसने भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद डिप्टी सीएम को भी बर्खास्त कर दिया.
दूसरी तरफ आरजेडी पूरी तरह तेजस्वी यादव के समर्थन में आ गई है. आरजेडी का कहना है कि विधानसभा में उनके सबसे ज्यादा 80 विधायक हैं. ऐसे में जेडीयू और कांग्रेस को उनकी बात माननी चाहिए.
जेडीयू के पास क्या है विकल्प?
– यदि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अपने पद से अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो नीतीश कुमार उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं. ऐसे में आरजेडी के भी सभी 12 मंत्री नीतीश मंत्रीमंडल से इस्तीफा देंगे.
– दूसरा विकल्प ये है कि जेडीयू आरजेडी से उनकी पार्टी से कोई दूसरा उम्मीदार डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव रखे.
– तीसरा विकल्प ये है कि जेडीयू महागठबंधन तोड़ दे और बीजेपी के बाहरी समर्थन से सरकार चलाती रहे.