नई दिल्ली. देश के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम अपने आखिरी पलों में संसद में जारी गतिरोध से बेहद परेशान थे. सोमवार को भी निधन से पहले डॉक्टर कलाम ने अपने सहयोगी और पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार सृजन पाल सिंह से संसद की सर्वोच्चता पर चर्चा की. कलाम के साथ आखिरी समय तक रहने वाले सृजन ने बताया कि कलाम आईआईएम शिलॉन्ग के छात्रों से संसद के गतिरोध को समाप्त करने के लिए सुझाव मांगने वाले थे.
नई दिल्ली. देश के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम अपने आखिरी पलों में संसद में जारी गतिरोध से बेहद परेशान थे. सोमवार को भी निधन से पहले डॉक्टर कलाम ने अपने सहयोगी और पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार सृजन पाल सिंह से संसद की सर्वोच्चता पर चर्चा की थी. कलाम के साथ आखिरी समय तक रहने वाले सृजन ने बताया कि कलाम आईआईएम शिलॉन्ग के छात्रों से संसद के गतिरोध को समाप्त करने के लिए सुझाव मांगने वाले थे.
डॉ. कलाम के बेहद नजदीकी सृजन पाल सिंह ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया, ‘दिल्ली से शिलॉन्ग जाते समय रास्ते में वह संसद में हो रहे गतिरोध पर बात कर रहे थे. वह बेहद परेशान थे कि सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन संसद में हर बार वही होता है. फिर उन्होंने कहा कि आज वह लेक्चर समाप्त होने के बाद आईआईएम के छात्रों से ही इस सवाल का जवाब मांगेंगे.’
पूर्व राष्ट्रपति के साथ दो किताबें लिख चुके सृजन ने बताया कि कलाम ने अगली किताब ‘एडवांटेज इंडिया’ में भी इस मुद्दे को शामिल करने की योजना बनाई थी. सृजन ने बताया कि यह किताब सितंबर-अक्टूबर में लॉन्च होगी और इससे पहले वह इस टॉपिक को किताब में शामिल करेंगे. सृजन पाल सिंह ने डॉ कलाम के साथ मिलकर ‘री-इग्नाइटेड: साइंटिफिक पाथवेज़ टू ए ब्राइटर फ्यूचर’ किताब लिखी है.
What I will be remembered for.. my memory of the last day with the great Kalam sir… It has been eight hours since we…
Posted by Srijan Pal Singh on Monday, July 27, 2015