नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) में ‘मन की बात- रेडियो पर सामाजिक क्रांति पुस्तक’ पर सेमिनार आयोजित किया गया. इस इस पुस्तक की प्रस्तावना जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने लिखी है.
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार और IGNCA के चेयरमैन रामबहादुर राय ने कहा कि देश में विवेकानंद की धारा से पुनर्जागरण का एक दौर शुरू हुआ था जिससे देश को आजादी मिली थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुनर्जागरण का एक नया दौर है जो देश को एक नये सांचे में गढ़ने वाला साबित होगा.
परिचर्चा में अपनी बात रखते हुए इडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात लीक से हटकर है और इसलिए उसका लोग अनुकरण भी करते हैं. राणा यशवंत ने खादी फॉर फैशन की पीएम की अपील का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से मौजूदा प्रधानमंत्री ने इसके लिए अपनी बात रखी वो लोगों के अंदर तक उतर गई.
पहले सत्र में एम्स के पूर्व निदेशक तीरथ दास डोगरा ने मन की बात से जुड़ी पीएम की उस सलाह का जिक्र किया जो उन्होंने नशे की बुरी लत को लेकर दी थी. डोगरा ने कहा कि पीएम सामाजिक बुराई से जुड़े इस मुद्दे पर इस तरह से बात रखते हैं जैसे एक मनोवैज्ञानिक भी नहीं रख सकता.
प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और पद्मविभूषण सोनल मान सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारवासियों के अंदर स्वाभिमान को भरकर उनकी पीठ को सीधा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मन की बात करते हुए पीएम मोदी एक भाई, मित्र, पिता और अभिभावक हर तरह की भूमिका में नजर आते हैं. वहीं Bluekraft Digital Foundation के सीईओ अखिलेश मिश्रा ने उन पहलुओं का खास जिक्र किया, जिसके बाद पुस्तक छापने का निर्णय किया गया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर और पद्मश्री दिनेश सिंह ने मन की बात में स्टार्टअप को लेकर पीएम मोदी के आह्वान का खास जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब शिक्षण संस्थान औपचारिक डिग्री की पढ़ाई से आगे निकले और उस दिशा में बढ़े जहां सिर्फ नौकरी के लिए पढ़ाई पर जोर ना हो, बल्कि वैसी शिक्षण व्यवस्था भी हो जो व्यवसाय के लिए भी प्रेरित करे.
परिचर्चा के तीसरे और आखिरी सत्र में IGNOU के वाइस चांसलर प्रो. रविंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारतीयता की पुनर्प्रतिष्ठा स्थापित होनी शुरू हुई है.
उन्होंने मन की बात पर आई पुस्तक के कुछ उद्धरणों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अनुभवजन्य मनोविज्ञान का सहारा लेकर जो बताते हैं उसका समाज के हर वर्ग पर गहरा असर होता है
एनबीटी के चेयरमैन बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि भारत के मन को पकड़ने का पहली बार किसी ने प्रयास किया है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने. उन्होंने कहा इससे पहले राजनीति में बुद्धि के जोड़-घटाव की बातें तो खूब होती थीं…लेकिन मन की बात से परहेज किया जाता था. IGNCA के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि मन की बात पर आई किताब पीएम मोदी के मन की बात से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को सामने लाती.
इसके साथ ही इक संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार सुमित अवस्थी और सईद अंसारी ने भी अपनी बात रखी. बता दें कि इस इस पुस्तक की प्रस्तावना जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने लिखी है.