पुडुचेरी: मंगलवार देर शाम बीजेपी के तीन मनोनीत विधायकों को विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ दिलाने को लेकर पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी विवादों में फंस गई हैं. उपराज्यपाल ने मंगलवार रात आठ बजे भाजपा की पुडुचेरी इकाई के अध्यक्ष वी सामिनाथन, कोषाध्यक्ष केजी शंकर और एस सेल्वागणपति को विधायक के तौर पर शपथ दिलाई.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस और डीएमके इस नॉमिनेशन के खिलाफ हैं. ये भी खबर है कि कांग्रेस ने इस नॉमिनेशन के खिलाफ 8 जुलाई को राज्य बंद का भी एलान किया है. हालांकि इस मामले में बुधवार को किरण बेदी ने ट्वीट कर कानूनी प्रावधानों को समझाने की कोशिश भी की.
कानून में क्या है प्रावधान?
दरअसल कानून के मुताबिक संघ शासित प्रदेश कानून के तहत केंद्र सरकार इन प्रदेशों की विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा 3 लोगों को बतौर विधायक मनोनीत कर सकती है बशर्ते वो सरकारी सेवा में ना हों.
इस मसले पर स्पष्ट दिशा-निर्देश ना होने की वजह से अभी तक यही होता रहा कि जिस पार्टी की केंद्र शासित प्रदेश में सरकार होती है, वो अपनी पसंद के नाम केंद्र सरकार को भेजती थी और केंद्र उन्हें मनोनीत कर देता था.
इस मामले में एक तो पुडुडुचेरी की नारायणसामी सरकार ने कोई सिफारिश नहीं की और वहां की एलजी किरन बेदी की सिफारिश पर बीजेपी के 3 नेताओं को केंद्र सरकार ने मनोनीत कर दिया. विधायकों को शपथ दिलाने का काम भी विधानसभा के स्पीकर के बदले बेदी ने खुद ही कर दिया.