नई दिल्ली : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान प्रमुख आशुतोष महाराज की समाधि के मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के डबल बैंच ने भक्तों के हक में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आशुतोष महाराज के शव को प्रिजर्व करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने आशुतोष महाराज की समाधि को जारी रखने का आदेश दे दिया है. कोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आदेशों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया है. सिंगल बैंच ने आशुतोष महाराज के शव का अंतिम संस्कार करने का आदेश दे दिया था जिसे अब खारिज कर दिया गया है.
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि डीएमसी की टीम समय-समय पर आशुतोष महाराज के शव का दौरा करेगी और टीम के इन दौरों का खर्च आश्रम को ही उठाना होगा. इसके लिए आश्रम को पहले ही 50 लाख रुपए फंड रखना होगा.
इसके अलावा कोर्ट ने आशुतोष महाराज के कथित बेटे दिलीप कुमार झा की ओर से डीएनए टेस्ट के लिए दी गई एप्लिकेशन को भी खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दिलीप डीएनए टेस्ट चाहते हैं तो इसके लिए सिविल सूट दाखिल कर सकते हैं.
साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि सिविल सूट दाखिल करने के वक्त अगर आशुतोष महाराज के डीएनए सैंपल की जरूरत पड़ी तो आश्रम को वो उपलब्ध कराना ही होगा. ऐसी स्थिति में आश्रम किसी भी तरह की रोक टोक ना करे.
बता दें कि जालंधर के नूरमहल कस्बे में स्थित दिव्य ज्योति जागृति के संस्थापक आशुतोष महाजार 28 जनवरी 2014 को आश्रम में ही समाधिलीन हो गए थे. डॉक्टरों ने 29 जनवरी 2014 को उन्हें क्लीनिकल मृत बता दिया था, लेकिन उनके भक्तों को इस पर विश्वास नहीं हुआ और भक्तों ने मिलकर महाराज को समाधिरत घोषित कर दिया.
लेकिन बाद में महाराज के ड्राइवर ने उनके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर आज हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया गया.