नई दिल्ली. संसद कैंटीन में रियायती दर पर खाना को लेकर हुए विवाद के बावजूद यहां खाना सस्ता मिलेगा. इस मामले में संसद के खाद्य प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एपी जितेंदर रेड्डी ने कहा कि भले ही इस मुद्दे पर हो हल्ला मचा हो लेकिन समिति की आंतरिक सर्वे में यह पता चलता है कि सत्र के दौरान 800 में से केवल 120 से 250 सांसद ही कैंटीन में खाना खाते हैं.
इसका ज्यादातर इस्तेमाल चतुर्थवर्गीय कर्मचारी और कार्यवाही कर रहे मीडियाकर्मी करते हैं. उन्होंने सोमवार को समिति की बैठक बुलाई है लेकिन साथ ही कहा कि दरों में परिवर्तन का कोई प्रस्ताव नहीं है. हाल ही में एक आरटीआई के जरिए पता लगा था कि पिछले पांच सालों में संसद की कैंटीन को 60.70 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई. यहां मटन करी जैसा महंगा आइटम केवल 20 रुपए में मिलता है. आरटीई में यह बात सामने आई थी कि संसद कैंटीन रेट में दिसंबर 2002, अप्रैल 2003 और दिसंबर 2010 में इजाफा किया गया था यानी पिछले पांच सालों से रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि महंगाई दर कई गुणा बढ़ चुकी है.
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