नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग ने दिल्ली को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने एआरओ (एस्टिटेंट रिटरनिंग ऑफ़िसर) के नाम के लिए दिल्ली विधानसभा स्पीकर की ओर से भेजे गए दिल्ली विधानसभा के सचिव प्रसन्ना कुमार के नाम पर आपत्ति जाहिर करते हुए उनकी जगह डीसी साउथवेस्ट अमजद टाक को एआरओ बना दिया है और ट्रेनिंग भी करा दी है.
दरअसल चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले दिल्ली विधानसभा स्पीकर से एआरओ के लिए नाम मंगवाएं थे. स्पीकर ने दिल्ली विधानसभा सचिव प्रसन्ना कुमार का नाम भेज दिया. लेकिन चुनाव आयोग ने प्रसन्ना का रिकॉर्ड चेक करने के बाद उनको दरकिनार करते हुए अमजद टाक को एआरओ बना दिया. चुनाव आयोग ने विधानसभा स्पीकर से दूसरा नाम भेजने को कहा तो स्पीकर ने पत्र लिखकर कहा कि हमारे पास काबिल ऑफिसर्स में प्रसन्ना कुमार ही है.
सवाल अब ये उठने लगा है कि क्या विधानसभा सचिव पर चुनाव आयोग भरोसा नहीं रहा या फिर दिल्ली विधानसभा में प्रसन्ना एकमात्र काबिल ऑफिसर्स हैं? बता दें कि प्रसन्ना कुमार विधानसभा के सचिव पद पर बने रहेंगे या नहीं यह मामला कोर्ट में पहुंच गया है. लेकिन विवादों में रहने के कारण प्रसन्ना अक्सर सुर्खियों में रहते हैं.
बताया ये भी जा रहा है कि दिल्ली इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली विधानसभा की ओर से एआरओ के लिए भेजे गए नाम पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जाहिर करते हुए दरकिनार कर दिया. राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई होना है. इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राज्यों से एआरओ के नाम मंगवाए चुका है.